नेमरा की माटी आज फिर भावुक हो उठी, जब स्मृति शेष दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के संस्कार भोज में लाखों लोगों ने अपने महानायक को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्य के कोने-कोने से आए लोग गुरुजी की तस्वीर पर पुष्प चढ़ाकर उनके अद्वितीय योगदान को याद करते हुए भावपूर्ण श्रद्धा व्यक्त करने पहुंचे।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सभी आगंतुकों का आभार जताया और कहा कि कठिन समय में जब उनके पिता नई दिल्ली के अस्पताल में जीवन संघर्ष कर रहे थे, तब जनता के सहारे से उनके परिवार को बल मिला। वे भावुक होकर बोले, “बाबा भले हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन आज भी उनकी यादें और मार्गदर्शन हमारे साथ हैं।”
संस्कार भोज में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित अन्य मंत्री, सांसद, विधायक और प्रबुद्धजन शामिल हुए, जिन्होंने गुरुजी को श्रद्धांजलि दी और उनके साथ बिताए पलों को साझा किया। सभी ने कहा कि दिशोम गुरु जी झारखंड आंदोलन के अग्रदूत थे, जिन्होंने अपने जीवन को संघर्ष और त्याग के लिए समर्पित किया। उनका त्याग और आदिवासी चेतना के प्रति योगदान अमूल्य है।
लाखों लोगों की भीड़ और सटीक प्रशासनिक व्यवस्था ने दिखाया कि यह श्रद्धांजलि समारोह कितनी भव्य और संगठित थी। भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया, जिससे कोई असुविधा नहीं हुई। आनुशासनिक व्यवस्था के तहत आगंतुकों के लिए माइक से लगातार सूचना दी जाती रही और पार्किंग से लाने-ले जाने के लिए ऑटो की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। मुख्यमंत्री खुद व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए थे।
इस कार्यक्रम में लोगों ने दिशोम गुरु जी की संघर्षपूर्ण जीवन गाथा और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया। सभी ने यह वचन दिया कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर झारखंड को एक मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध राज्य बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा, “हमें बाबा के त्याग और जीवन से सीख लेकर और उनके आदर्शों को आत्मसात करते हुए इस धरती के कल्याण और विकास के लिए काम करना है।”
नेमरा में यह संस्कार भोज न केवल एक श्रद्धांजलि था, बल्कि यह दिशा और प्रेरणा का संदेश भी था, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य विरासत बनेगा।