जहानाबाद में राजद के अंदर अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जनता ने विधायक कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 2025 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देने की मांग कर दी।
यह विरोध प्रदर्शन रतनी प्रखंड के शकुराबाद स्थित एक निजी हॉल में आयोजित “जहानाबाद बुद्धिजीवी मंच” की बैठक के दौरान सामने आया।
बैठक की अध्यक्षता राजद किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव प्रो. कामेश्वर प्रसाद यादव ने की। इस दौरान जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों ने भाग लेकर विधायक सुदय यादव के कार्यकाल पर सवाल उठाए।
“हिसाब दो विधायक जी, 7 साल में क्या किया?”
बैठक की शुरुआत मतदाता गहन पुनर्निरीक्षण और जन समस्याओं पर चर्चा के साथ हुई। मंच से आवाज उठी – “जहानाबाद को बचाना है तो सुदय को हटाना है।” कार्यकर्ताओं का आरोप है कि विधायक को जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
वहीं, युवा राजद उपाध्यक्ष गजेंद्र यादव ने कहा कि…
“विधायक जी के सात साल के कार्यकाल में कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुआ है। सरकार द्वारा 35 करोड़ की राशि दी गई, जिसका पंचायत के हिसाब से यदि वितरण होता तो प्रत्येक पंचायत को करीब 70 लाख रुपये मिलते, लेकिन ₹70 का भी विकास नहीं हुआ।”
उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर फंड का दुरुपयोग और कमीशनखोरी हुई है।
“सिर्फ चंद लोगों के लिए हुआ विकास”
बैठक में भाग लेने वाले कई ग्रामीणों ने कहा कि विधायक सिर्फ कुछ खास लोगों के लिए विकास कर रहे हैं, जबकि आम जनता दफ्तरों के चक्कर काट रही है। किसी की सुनवाई नहीं हो रही और विधायक इन समस्याओं से पूरी तरह बेखबर हैं।
“टिकट किसी नए चेहरे को मिले”
कार्यकर्ताओं ने मंच से साफ शब्दों में कहा कि यदि पार्टी 2025 के विधानसभा चुनाव में सुदय यादव को फिर से टिकट देती है तो यह जनता के साथ अन्याय होगा। संजय राय ने कहा:
“हम लालू यादव और तेजस्वी यादव से मांग करते हैं कि 2025 में सुदय यादव को टिकट न दिया जाए। किसी स्थानीय कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया जाए, हम मेहनत करके उन्हें जिताएंगे और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाएंगे।”
मतदाता सूची से नाम हटाने की साजिश का भी आरोप
बैठक में यह भी आरोप लगा कि गहन पुनर्निरीक्षण के नाम पर मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं और विधायक इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे। कार्यकर्ताओं से अपील की गई कि वे अपने-अपने बूथ के बीएलओ से संपर्क कर नाम जुड़वाएं।
“हिसाब फंड का नहीं, प्रतिनिधित्व का चाहिए”
कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि वे विधायक से फंड की राशि का नहीं बल्कि विधानसभा में उनके प्रतिनिधित्व का हिसाब मांग रहे हैं – उन्होंने किसानों, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी के मुद्दों पर अब तक क्या कदम उठाए, इसका जवाब देना चाहिए।