उत्तर प्रदेश: पेपर लीक मामला गर्माने और अभ्यर्थियों के लगातार प्रदर्शनों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार बैकफुट पर आ गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द करने का ऐलान किया। योगी सरकार ने ये भी कहा कि 6 महीने में ये परीक्षा फिर से होगी। बता दें कि यूपी में इसी महीने दो भर्तियों की परीक्षा हुई थी। पुलिस भर्ती के 60 हजार से ज्यादा पदों के लिए 50 लाख और समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के 411 पदों के लिए 10.76 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। दोनों परीक्षा में करीब 55 लाख आवेदकों ने हिस्सा लिया। दोनों में पेपर लीक के आरोप लगे है।
समिति को मिल चुकी हैं 1500 शिकायतें…
वही सीएम योगी आदित्यनाथ ने 11 फरवरी को उप्र लोकसेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा-2023 से जुड़ी शिकायतों की भी जांच का आदेश दिया है। इसके बारे में सबूतों के साथ शिकायत कार्मिक तथा नियुक्ति विभाग को secyappoint@nic. in पर 27 फरवरी तक ई-मेल कर सकते हैं। इससे पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड और उप्र लोकसेवा आयोग, दोनों आयोग पेपर लीक के आरोप की समिति बना कर आंतरिक जांच कर रहे थे। समिति को 1500 शिकायतें मिल चुकी हैं। आरोपों की उप्र पुलिस की एसटीएफ भी जांच कर रही है।
उत्तर प्रदेश में ऐसे उछला मामला…
11 फरवरी को पेपरलीक के बाद से प्रदर्शन शुरू 11 फरवरी को परीक्षा के दौरान ही अभ्यर्थियों का आरोप था कि परीक्षा का पेपर लीक हो गया है। तब गाजीपुर में प्रदर्शन हुआ था। मामला 12 फरवरी को एसटीएफ को भी सौंप दिया गया। पुलिस भर्ती में गड़बड़ी के आरोप में 58 एफआईआर दर्ज कर 122 लोगों को गिरफ्तार किया गया। लखनऊ में दर्ज एक एफआईआर में पेपर लीक को स्वीकार किया गया है।
20 लाख में बिके थे पर्चे…
गिरफ्तार हो चुकीं आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार 2019 में गिरफ्तार हुई थीं। पेपर छापने वाली सिक्योरिटी प्रिटिंग प्रेस के गिरफ्तार मालिक कौशिक कुमार के मुताबिक 20 लाख में पेपर बेचे जा रहे थे। यूपी में 7720 लेखापालों के चयन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक है। • 69000 हजार शिक्षक भर्ती का
मामला मुकदमेबाजी में अटका है।