पटना: सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में बिहार के पूर्व डीजीपी एवं केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल सहित पूरा पर्षद संदेह के घेरे में है। वही इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने करीब 7 घंटे तक पर्षद के कार्यालय को खंगाला। ईओयू ने पूर्व डीजीपी के कई ठिकानों पर भी रेड किया। आर्थिक अपराध इकाई ने केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के हार्डिग रोड़ और बैक हार्डिग रोड़ स्थित दोनों ही कार्यालय को खंगालते हुये कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल समेत अन्य उपकरण और दस्तावेज को जब्त किया है।
जांच के लिए SIT का गठन
साक्ष्य अनुसार कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए गए हैं जो सिपाही भर्ती से संबंधित काण्डों के अनुसंधान में सहायक साबित होगें। उल्लेखनीय है कि आर्थिक अपराध इकाई द्वारा सिपाही भर्ती के विज्ञापन सं0-01/2023 में हुई व्यापक गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए अपर पुलिस महानिदेशक आर्थिक अपराध इकाई द्वारा पुलिस उप-महानिरीक्षक, आर्थिक अपराध इकाई के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया गया है।
पेपर लीक के बाद विवादों में घिर गए सिंघल
बता दें कि 01 अक्टूबर 2023 को पेपर लीक होने के बाद एसके सिंघल विवादों में घिर गए थे उसके बाद केंद्रीय चयन पर्षद के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। एसके सिंघल का पूरा नाम संजीव कुमार सिंघल है। दरअसल बिहार के पूर्व डीजीपी सेवानिवृत एसके सिंघल 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। रिटायर होने के बाद नीतीश कुमार की सरकार ने एसके सिंघल को केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) का अध्यक्ष बनाया था।