बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। अब एक नया बदलाव किया गया है। इसमें स्कूलों में तीन दिन या उससे ज्यादा अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं का नाम अब नहीं काटा जाएगा।
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि किसी भी कारण से जो बच्चे नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं उनका नामांकन रद्द नहीं किया जाए। इससे पहले शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस केके पाठक ने लगातार तीन दिन तक बिना कारण अनुपस्थित राहने वाले बच्चों का नाम काटने का आदेश जारी किया था। इसके बाद पिछले सत्र में लाखों छात्र-छात्राओं का सरकारी स्कूलों से नामाकंन रद्द कर दिया गया था।
दरअसल, केके पाठक फिलहाल अभी लंबी छुट्टी पर हैं। उनकी अनुपस्थिति में आईएएस अधिकारी एस सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का प्रभार दिया गया है। सिद्धार्थ लगातार केके पाठक के नियमों को बदल रहे है। एस सिद्धार्थ का कहना है कि अगर तीन दिनों तक कोई बच्चा स्कूल नहीं आता है तो प्रिंसिपल, शिक्षक और टोला सेवक उनके अभिभावक से संपर्क करें। बच्चे की फिर से स्कूल में भेजने के लिए अभिभावक को प्रेरित करें।
उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा, “इसका विशेष ध्यान रखें कि कोई भी बच्चा स्कूल में नामांकन से वंचित नहीं रहे। छह से 14 वर्ष तक के बच्चों का उनकी उम्र के अनुसार कक्षा में नामांकन कराए। शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। इसके लिए जून-जुलाई में अभियान चलाएं।” विभाग ने कहा है कि आवास परिवर्तन होने की स्थिति में अभिभावक के अनुरोध पर ही नामांकन पंजी से बच्चे का नाम हटाया जाए। इसके अलावा अन्य किसी भी कारण से पंजी से बच्चे का नाम हटाने से पहले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की अनुमति लेना आवश्यक है।