Bihar Politics: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि कांग्रेस, राजद को अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए लोगों को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि वे ही हैं जिन्होंने आजादी के बाद से बिहार पर शासन किया और मानव विकास सूचकांक में इसे सबसे निचले पायदान पर ला खड़ा किया। आरक्षण कानूनों को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी भ्रामक है, क्योंकि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का पहले से ही स्पष्ट फैसला है। सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि नौवीं अनुसूची में शामिल किसी भी कानून को चुनौती भी दी जा सकती है।
अरविन्द ने कहा कि न्यायमूर्ति वाई.के. सभरवाल की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने यह आदेश दिया था, जिसमें नौ न्यायाधीशों की पीठ ने 11 जनवरी, 2007 को कोएल्हो बनाम तमिलनाडु राज्य और अन्य मामले में सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था, जिसमें संविधान के ‘मूल संरचना सिद्धांत’ को बरकरार रखा गया था और न्यायपालिका को ऐसे किसी भी कानून की समीक्षा करने का अधिकार दिया था, जो अनुच्छेद 21 के साथ अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 19 और इसके तहत अंतर्निहित सिद्धांतों में इंगित मूल ढांचे को नष्ट या नुकसान पहुंचाता है, भले ही उन्हें 14 अप्रैल 1973 के बाद 9वीं अनुसूची में डाल दिया गया हो। यह मामला लोकप्रिय रूप से नौवीं अनुसूची का मामला के रूप में जाना जाता है।
अरविन्द ने कहा कि भाजपा सब दिन आरक्षण देने की वकालत की है जबकि झूठ बोलना धोखा देना और किसी को ठगना यह राजद से सीखना चाहिए। जब 2023 में जातीय जनगणना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने करवाया तो राजद इसमें कहां थी इसके पहले बिहार में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के शासनकाल में और कांग्रेस के कार्यकाल में जातीय जनगणना बिहार में क्यों नहीं करवाया, क्यों राजद के शासनकाल में बिहार से लोग पलायन करने को मजबूर हो गए, राजद सुप्रीमो लालू यादव जी के समय लोगों को नौकरियां क्यों नहीं दी। जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने जातीय जनगणना कराने का काम किया और भाजपा का भी समर्थन था जब मुख्यमंत्री जी ने जब नौकरी, रोजगार देना चालू किया तो राजद, अपना पीठ अपने थपथपाने का काम कर रही है।
जबकि जब से राजद सरकार से हटी हैं तब से बिहार में पुनः सुशासन का माहौल हैं। राजद जब जब शासन में रही है बिहार में बेशुमार अपराध बढ़ने का काम हुआ है क्योंकि राजद अपराध और अपराधियों, माफियाओं के संरक्षण के लिए जानी जाती है घपले घोटाले और नौकरी के बदले जमीन लेने के लिए राजद जानी जाती हैं। राजद हमेशा से विकास की नहीं, विनाश की परिचायक रहीं है।