Mithilanchal Unique Nagpanchami: नाग पंचमी के दिन सुख-समृद्धि और धन्य–धान्य का वरदान चाहिए, तो उसके लिए यहां नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है। मिथिलांचल में आज के दिन घरों के मुख्य द्वारा और दीवारों पर एक विशेष प्रकार के नाग चित्र बनाया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, इसमें दीवारों पर गाय के गोबर से नाग चित्र बनाया जाता है और उसपर दूर्वा और गाय का दूध अर्पित किया जाता है।
मिथिलांचल में ऐसी मान्यता है कि इस विधि से पूजा करने से नाग दंस का भय खत्म हो जाता है और नागराज तक्षक का विशेष आशीर्वाद उन्हें प्राप्त होता है, इससे धन और सुख-समृद्धि से जातक परिपूर्ण होता है। इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा बताते हैं कि नाग पंचमी के दिन तक्षक नागराज की पूजा की जाती है। इस दिन मिथिलांचल में एक विशेष परंपरा होती है, जो हर एक व्यक्ति के घर में मुख्य द्वार के पास गाय के गोबर से नाग का चित्र बनाकर उसपर दूर्वा, धान का लावा और गाय का दूध अर्पण किया जाता है।
डॉ. कुणाल कुमार झा यह भी बताते हैं कि ऐसा करने से नागराज प्रसन्न होते हैं और खास करके जो नाग पृष्ठ भूमि होता है, जिसपर नाग का बसेरा होता है,उसपर विशेष कृपा बनी रहती है, उस भूमि पर बने घर के जातक को सुख-समृद्धि और धन की कभी कमी नहीं होती है। इसलिए नाग पूजन के साथ मिथिलांचल की यह परंपरा सदियों पुरानी है।