उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद के 15 साल के शासन में केवल यहां साम्प्रदायिक और जातीय दंगे हुए जिसकी आग मैं बिहार जलता रहा है। वे राजनीतिक कारणों से दंगाइयों के किसी न किसी वर्ग को संरक्षण भी देते रहे। उन्होंने जनता को याद दिलाते हुए कहा कि लालू राज में सीतामढ़ी का वह भीषण दंगा आज भी लोग नहीं भूले हैं, जिसमें सैंकड़ों लोग घायल हुए और सम्पत्ति का भारी नुकसान हुआ था। 1992 में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़की और 65 लोग मारे गए थे। उस वक्त लालू प्रसाद दंगा क्यों नहीं रोक पाए? राबड़ी देवी के शासनकाल में बिहारशरीफ भी दंगों की आग में जल रहा था। जनता को आश्वासन देते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब तक एनडीए की सरकार है, साम्प्रदायिकता, अपराध और भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति कायम रहेगी। राज्य सरकार दंगाइयों पर कड़ी नजर रखती है। इसकी चिंता लालू प्रसाद न करें। चौधरी ने कहा कि जिन लोगों ने भागलपुर दंगा, सीवान के आतंक शहाबुद्दीन को संरक्षण दिया, वे किस मुँह से दंगों को लेकर बयान दे रहे हैं? राजद की जमीन खिसक गई है। वे लोकसभा में केवल 4 सीट जीत पाए, इसलिए लालू परिवार अल्पसंख्यकों को भाजपा का भय दिखा कर वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं।