08 जून 2025 | पटना | [ प्रशांत कुमार ‘प्रणय’ ]
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी के 12 वर्षों के संघर्ष को एक नए गीत के माध्यम से पेश किया है। इस गीत का नाम ‘है हक हमारा आरक्षण’ है, जिसे आज एक विशेष कार्यक्रम में लॉन्च किया गया। यह गीत न केवल एक संगीतात्मक अभिव्यक्ति है, बल्कि यह पार्टी के उद्देश्यों और संघर्ष की कहानी भी बयान करता है।

वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने पटना में आयोजित इस गीत लॉन्च कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह गीत वास्तव में संघर्ष की एक मिसाल और पार्टी के लक्ष्य का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि वीआईपी की स्थापना ही गरीबों और वंचित वर्ग के अधिकारों की प्राप्ति के लिए हुई है और वह इसके लिए अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे।
इस अवसर पर, समाजसेवी डॉ. एस के सैनी ने अपने समर्थकों के साथ वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने उनका पार्टी में स्वागत किया। डॉ. एस के सैनी के शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलने की उम्मीद है, क्योंकि वह समाज सेवा में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं।
मुकेश सहनी ने कहा कि 12 वर्षों से वह निषाद समुदाय के लिए आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह मुंबई छोड़कर विधायक या मंत्री बनने नहीं आए, बल्कि समाज के अधिकारों और हक की लड़ाई लड़ने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की लड़ाई जीतने के बाद अब आरक्षण की 50 प्रतिशत की बाधा को तोड़ने का समय आ गया है।
एनडीए को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि या तो निषाद समुदाय को आरक्षण दें, नहीं तो कुर्सी खाली कर दें। उन्होंने कहा कि अब निषाद समाज जागरूक हो चुका है और चुनाव के इस समय में पार्टी को मजबूत करने का समय है।
इस अवसर पर पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिनमें देव ज्योति, बालगोविंद बिंद, अर्जुन सहनी और सुनील निषाद शामिल थे। सभी ने मिलकर पार्टी को और मजबूत बनाने का संकल्प लिया।
वीआईपी प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. एस के सैनी का पार्टी में शामिल होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। वह अतिपिछड़े समाज के एक प्रमुख नेता हैं और उनके अनुभव का लाभ पार्टी को मिलेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का उद्देश्य गरीबों और वंचितों को उनका अधिकार दिलाना है और इसके लिए वह निरंतर संघर्ष करती रहेगी।
इस गीत के माध्यम से वीआईपी ने अपने समर्थकों और समाज के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है। पार्टी का मानना है कि संघर्ष और एकजुटता के बल पर ही निषाद समुदाय के अधिकारों की लड़ाई जीती जा सकती है।