सहरसा नगर निगम के अंतर्गत वार्ड संख्या 13, आई. डी. सिंह चौक स्थित न्यू कॉलोनी पोखर के जीर्णोद्धार कार्य में भारी अनियमितता का मामला उजागर हुआ है। इस योजना के लिए ₹14,98,300 (चौदह लाख अठानवे हजार तीन सौ रुपए) की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन बिना किसी निविदा और बिना कोई कार्य किए ही पूरी राशि निकाल ली गई।
मामला तूल पकड़ने के बाद जब यह जानकारी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) तक पहुंची, तो नगर निगम ने जल्दबाज़ी में जेसीबी मशीन लगाकर औपचारिक सफाई करवाई। लेकिन निकाला गया कचरा पोखर की सीढ़ियों पर ही छोड़ दिया गया, जो आज तक उसी स्थिति में पड़ा हुआ है।
सहरसा नगर निगम में लगभग ₹200 करोड़ की लूट मची हुई है
इस पूरे मामले पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के जिला अध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा:
“नगर विकास प्रमंडल के अधिकारियों ने गलत जांच रिपोर्ट बनाकर पोखर को साफ-सुथरा बता दिया, जबकि जमीनी सच्चाई इसके विपरीत है।”
“सहरसा नगर निगम में लगभग ₹200 करोड़ की लूट मची हुई है, और इस तरह की अनियमितताएं नगर निगम की कार्यशैली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।”
स्थानीय लोगों में भी नगर निगम की इस लापरवाही को लेकर गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि वर्षों से यह पोखर उपेक्षित पड़ा है और अब जब इसके जीर्णोद्धार की बात आई, तो भ्रष्टाचार के चलते सिर्फ कागज़ों पर काम पूरा कर लिया गया।
अब देखना यह है कि नगर निगम और जिला प्रशासन इस घोटाले पर क्या कार्रवाई करता है, और क्या दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा या नहीं।