रांची|रांची महानगर छठ पूजा समिति के तत्वावधान में डोरंडा स्थित कृत्रिम तालाब पर आज उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का विधिवत समापन हुआ। सुबह की पहली किरण के साथ ही तालाब परिसर में व्रतियों और श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। वातावरण “छठी मइया के जयकारों” से गूंज उठा और हर ओर भक्ति, आस्था और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला।

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद रांची महानगर छठ पूजा समिति के मुख्य संरक्षक सह ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने कहा
यह केवल पूजा नहीं मां और माटी से जुड़ा व्रत है, जहाँ हर स्त्री अपनी पीड़ा, प्रेम और प्रार्थना को एक साथ समर्पित करती है। उषा अर्घ्य के उस क्षण में, जब सूरज उग रहा होता है, व्रती महिलाएं उगते हुए सूर्य को नमन करती हैं।
यह पर्व सिखाता है कि भक्ति में कितनी शक्ति होती है।

हर दीपक, हर गीत, हर अर्घ्य…एक ही संदेश देता है “जीवन बदलता है, लेकिन आस्था अमर रहती है।”
छठ पूजा की उषा अर्घ्य पर समस्त श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं।

समिति के अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने इस अवसर पर कहा कि*
“उषा अर्घ्य हमें यह संदेश देता है कि हर अंधकार के बाद प्रकाश अवश्य आता है। छठ पर्व न सिर्फ सूर्य उपासना का प्रतीक है, बल्कि यह जीवन में शुद्धता, अनुशासन और पर्यावरण संतुलन की प्रेरणा भी देता है।”

उन्होंने कहा कि डोरंडा में निर्मित कृत्रिम तालाब अब रांची शहर के लिए एक नई परंपरा का प्रतीक बन चुका है, जहां वे माताएं-बहनें भी श्रद्धा के साथ पूजा कर सकती हैं, जिन्हें नदी या तालाब तक जाना कठिन होता है।
आलोक कुमार दूबे ने राज्यवासियों को उदीयमान सूर्य के अर्घ्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छठ पर्व लोकआस्था, पारिवारिक एकता और समाज में सामूहिकता का प्रतीक है।

मुख्य संरक्षक लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि
“छठ महापर्व हमारे सांस्कृतिक जीवन की आत्मा है। यह पर्व हमें प्रकृति, जल और सूर्य के प्रति कृतज्ञता का संदेश देता है। समिति की ओर से हम राज्य सरकार, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद देते हैं, जिनके सहयोग से यह आयोजन सफल रहा।”

संयोजक डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि
“रांची में छठ का आयोजन हर वर्ष और भी भव्य होता जा रहा है। इस बार भी श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति और अनुशासित व्यवस्था ने इसे यादगार बना दिया। यह सामूहिक प्रयास ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।”

महासचिव विशाल कुमार सिंह ने कहा
छठ मइया का यह पावन पर्व हमें सिखाता है कि जब व्यक्ति अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज और प्रकृति के प्रति समर्पित होता है, तभी सच्चे अर्थों में जीवन का संतुलन बना रहता है। व्रतियों का त्याग, परिवारों की सेवा भावना और पूरे समाज की एकजुटता ही इसकी सबसे बड़ी पहचान है।
समिति की ओर से विशेष रूप से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन तथा नगर निगम प्रशासन को आयोजन की सफलता में उनके सहयोग के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया गया है।
इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी गौतम दूबे, रितेश सिंह, विजय गुप्ता, मेंहुल दूबे, अश्विन कुमार, विशाल सिंह, हर्ष तिवारी, सचिन कुमार, विवेक सिंह, रोहित कुमार, दीपक ठाकुर, नितेश छेत्री, संजय सिंह, अभय सिंह, मनोज सिंह, गोपाल छेत्री, शशिकांत, सुशील कुमार, मनोज तिवारी, अजित कुमार, मदन छेत्री, सुमित सिंह और रिशु कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।