नई दिल्ली : स्टेट बैंक ने आदेश के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर स्पष्टीकरण दिया कि इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग को सौंप दिया गया है. हालांकि.187 बॉन्ड्स की जानकारी आयोग को नहीं सौंपी गई है, जिसके बारे में बैंक का दावा है कि उसका पैसा पीएम केयर्स फंड में जमा करा दिया गया. हालांकि, कोर्ट ने कोर्ट ने नहीं भुनाए जाने वाले बॉन्ड को उसे देने वालों को ही रिटर्न करने को कहा था |
इलेक्टोरल बॉन्ड्स का डेटा चुनाव आयोग को सौंपने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दे दी है. एक हलफनामे में बैंक ने बताया कि कोर्ट के आदेश का परिपालन हो गया है. स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स की खरीद-बिक्री का डेटा सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद 24 घंटे के भीतर चुनाव आयोग को सौंप दी है. डेटा में 187 बॉन्ड्स की जानकारी नहीं दी गई है, जिसका पैसा पीएम केयर फंड में जमा करा दिया गया है. हालांकि, कोर्ट ने इस तरह के बॉन्ड को उसे देने वालों को ही वापस करने का आदेश दिया था.एसबीआई ने अपने हलफनामे में कहा है कि बैंक ने सीलबंद लिफाफे में, एक पेनड्राइव में दो पीडीएफ फाइल के जरिए डेटा सौंपी है, जो पासवर्ड प्रोटेक्टेड हैं. हालांकि, डेटा में ‘यूनिक कोड’ शामिल है या नहीं, यह हलफनामे में कथित रूप से स्पष्ट नहीं किया गया है. इसी ‘यूनिक कोड’ का इस्तेमाल करके पार्टियों के नाम के साथ मिलान किया जा सकता है, जिससे पता चलेगा कि आखिर किस पार्टी को कितना चंदा मिला.