रांची| मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने एक बयान जारी कर अपने बेटे कृष अंसारी को लेकर फैल रही खबरों और अफवाहों को पूरी तरह निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया है। उन्होंने साफ कहा कि कृष रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) किसी निरीक्षण या नेतागिरी के लिए नहीं गया था, बल्कि अपने शिक्षक के पिता, जो गंभीर रूप से बीमार थे, उनका हालचाल जानने गया था। इसके अतिरिक्त, बीती रात कई आदिवासी परिवार उनके आवास पर सहायता मांगने पहुंचे, जो अपने परिजन के इलाज को लेकर बेहद परेशान थे। कृष ने मानवीय आधार पर और सिर्फ मदद की भावना से उनकी सहायता की।
डॉ. अंसारी ने बताया कि संयोग से एक वरिष्ठ पत्रकार के परिजन भी रिम्स में भर्ती थे और उन्हें भी सहायता की आवश्यकता थी। ऐसे में कृष ने पूरी संवेदनशीलता और दया-भावना से मदद करने की कोशिश की, लेकिन इसे कुछ वर्गों द्वारा गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना को तोड़-मरोड़कर, राजनीति का रंग चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत और दुर्भाग्यपूर्ण है।
डॉ. अंसारी ने सवाल किया, “क्या अब किसी की मदद करना, संवेदनशील होना, करुणा दिखाना भी अपराध है?” उन्होंने बताया कि कृष एक पढ़ा-लिखा और होनहार छात्र है, जिसे समाज सेवा परिवार से विरासत में मिली है।
बयान में डॉ. अंसारी ने मीडिया और समाज से आग्रह करते हुए कहा कि राजनीति की मानसिकता और पूर्वाग्रह को एक तरफ रखते हुए, सच को देखा जाए और एक युवा की सेवा-भावना का अपमान ना किया जाए। मंत्री ने आखिर में कहा कि कृष का मन भले ही दुखी हो, लेकिन उसके इरादे मजबूत हैं और वो आगे भी लोगों की मदद करता रहेगा।