शिक्षक दिवस के खास मौके पर झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने अपने जीवन के दो महान गुरुओं को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने अपने पिता फुरकान अंसारी को जीवन का पहला शिक्षक और मानवता का प्रतीक बताया, जिनसे उन्हें इंसानियत और सेवा का पाठ मिला। पिता ने उन्हें सिखाया कि जीवन का मकसद केवल खुद के लिए नहीं, बल्कि दूसरों की मदद और न्याय के लिए लड़ना है।
इतना ही नहीं, डॉ. इरफान ने झारखंड की राजनीति के प्रखर नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भी अपना मार्गदर्शक माना। गुरुजी ने उन्हें राजनीति की सच्ची भावना समझाई, जिसमें समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना, जाति-धर्म से ऊपर उठकर जनता की सेवा करना शामिल है।
मंत्री अंसारी ने कहा, “जब मैं झारखंड का स्वास्थ्य मंत्री बना, तब इन दोनों शिक्षाओं ने मुझे प्रेरित किया है कि मैं अपने कर्तव्यों को ईमानदारी और समर्पण से निभाऊं। गुरु वही है जो सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं देता, बल्कि जीवन जीने का तरीका भी सिखाता है।”
डॉ. इरफान अंसारी ने अपने पिता और गुरुजी को नमन करते हुए कहा कि उनकी दी हुई शिक्षाएँ उनकी सबसे बड़ी ताकत और सफलता का आधार हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों को भी आभार प्रकट किया, जिन्होंने समाज को ज्ञान और संस्कार दिए।
इस प्रेरक संदेश के साथ डॉ. अंसारी ने हर नागरिक से शिक्षक दिवस पर अपने गुरुओं का सम्मान करने का आग्रह किया।