झारखंड: नाराज कांग्रेस विधायक अब दिल्ली से लौटने की तैयारी में हैं। प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पार्टी के 17 में 12 विधायक नाराज चल रहे थे। उनमें से 8 विधायक अपनी नाराजगी जाहिर करने दिल्ली पहुंचे थे, जहां उन लोगों ने कांग्रेस के आलाकमान और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। केसी वेणुगोपाल ने सभी विधायकों को सुनने के बाद उन्हें संगठन और सरकार के साथ काम करने की सलाह दी और वापस लौटने को कहा। जानकारी के मुताबिक, वेणुगोपाल ने सभी विधायकों को आश्वासन दिया है कि जो कमियां रह गयीं हैं, उन्हें दूर किया जाएगा।
विधायकों की शिकायत आलाकमान को अवगत कराया
उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार बेहतर तरीके से चले और जनता का काम हो, सबकी सामूहिक जवाबदेही है। साथ ही चुनौतियों का सामना एक साथ मिलकर करने की भी सलाह दी। बताया जा रहा है कि 22 फरवरी को विधानसभा सत्र को लेकर होने वाली सत्तारूढ़ विधायक दल की बैठक में वेणुगोपाल भाग लेंगे। नाराज कांग्रेस विधायकों की नाराजगी दूर करने और वरिष्ठ नेताओं से मिलने में कांग्रेस के पूर्व सह-प्रभारी और मध्य प्रदेश में पार्टी विधायक दल के नेता उमंग सिंघार ने भी अहम भूमिका निभाई। सिंघार ने विधायकों की शिकायत से आलाकमान को अवगत कराया। उमंग सिंघार ने आला कमान को बताया कि एक बार विधायकों की बात सुनी जानी चाहिए।
विधायकों ने मंत्रियों के काम पर उठाए सवाल
विधायकों ने अपना पक्ष रखते हुए राष्ट्रीय महासचिव से मंत्रिमंडल के विस्तार में जल्दबाजी से फैसला लेने की बात कही। विधायकों का कहना था कि हम संगठन के पक्ष में ही बातें कर रहे हैं। मंत्रियों को संगठन को साथ लेकर चलना चाहिए। विधायकों ने मंत्रियों के काम पर सवाल उठाए। मुलाकात के बाद नाराज विधायकों ने कहा कि उनकी बातें सुनी गई हैं। विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि हम पार्टी के बेहतरी के लिए मुद्दे उठा रहे हैं। हमारी बातें आने वाले समय में मानी जाएगी। विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि केसी वेणुगोपाल ने भरोसा दिलाया है कि विधायकों की जो भी शिकायत है, उसे दूर किया जाएगा। हम मंत्री बनने नहीं आए थे। हम सभी आठों विधायक मंत्री बन भी नहीं सकते हैं। हमने पार्टी हित में बात रखी है।