पटना: सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा ऐलान किया गया है। बिहार सरकार करीब 58 लाख परिवारों को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा देगी, जो केंद्र सरकार की योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं। कैबिनेट ने 35 प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। बताया गया है कि बिहार की स्वास्थ्य बीमा योजना पर होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार अपने संसाधन से करेगी। इस योजना का लाभ आगामी वित्तीय वर्ष से संभावित है। बैठक में कहा गया है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से वंचित परिवारों को राज्य सरकार अपने संसाधन से पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी। यह बीमा कैशलैस होगा।
58 लाख परिवार का बीमा कराएगी सरकार
बताया जाता है, कि इस योजना से चयनित अस्पतालों में मरीज अपना इलाज करा सकेंगे। बिहार में 1 करोड़ 21 लाख परिवार आयुष्मान योजना से लाभान्वित हैं, जबकि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में एक करोड़ 79 करोड़ परिवार हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से वंचित 58 लाख परिवारों को राज्य सरकार अपने संसाधनों से 5 लाख तक का बीमा कैशलेस करने की व्यवस्था करेगी। बता दें कि आयुष्मान योजना के तर्ज पर स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का फैसला लिया गया। इन परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ, इसी वित्तीय वर्ष 2024-25 से मिलने लगेगा।
विश्वविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई बंद
कैबिनेट ने एक अन्य फैसला लेते हुए कहा है कि कॉलेज में अब इंटर की पढ़ाई नहीं होगी। पटना विश्वविद्यालय में पहले से इंटर की पढ़ाई नहीं हो रही है, अब दूसरे विश्वविद्यालयों के कॉलेज में भी इंटर की पढ़ाई बंद कर दी जाएगी। सरकारी 10 प्लस टू विद्यालयों में ही इंटर की पढ़ाई होगी। सभी संवैधानिक आयोग बोर्ड के पुनर्गठन का भी कैबिनेट में फैसला लिया गया है। मंत्रिमंडल ने 176 ओपी (आउट पोस्ट) को थाना में बदलने का भी प्रस्ताव स्वीकृत किया है। ये आउट पोस्ट (5 पुलिस कर्मी वाले हैं) अब थाना की तरह काम करने लगेंगे।
प्रधान शिक्षक की नियुक्ति का रास्ता साफ
कैबिनेट बैठक में बिहार राज्य प्रारंभिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियमावली 2024 को भी मंजूरी दे दी है। तो इधर शिक्षा विभाग का कहना है कि 40, 506 प्रधान शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। इसकी नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग काम करेगा। बता दें कि नियमावली नहीं होने के कारण नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। पिछली महागठबंधन सरकार के समय सभी संवैधानिक आयोग- बोर्डों के फिर से गठन का फैसला लिया है। इसके लिए पहले विशेषज्ञ कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है।