Bihar News: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस उत्सव 2024 पर बीआइटी पटना में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के 100 स्कूली बच्चे हर साल इसरो का भ्रमण कर अंतरिक्ष की दुनिया से रूबरू होंगे। पहले चरण में 100 बच्चें जायेंगे, इसमें 50 छात्र व 50 छात्राएं होंगी। कार्यक्रम का आयोजन इसरो, डीएसटी व बीआइटी के संयुक्त सहोयग से आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में राजधानी के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी आदि मौजूद थे।
डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा कि आने वाले समय में अलग-अलग समूह में राज्य के स्कूली बच्चे इसरो के बेंगलुरु सेंटर जायेंगे, प्रत्येक जिले से कम से कम दो-दो बच्चों का चयन होगा। इसरो की ओर से टैलेंट सर्च एग्जाम कराया जाए तो इसमें सफल बच्चों को शिक्षा विभाग प्रोत्साहित करेगा। इससे अंतरिक्ष क्षेत्र में राज्य के बच्चों में रुचि बढ़ेगी। इधर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के निदेशक एम शंकरन ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में इसरो में योगदान देने वाले अधिसंख्य विज्ञानी बिहार के रहने वाले हैं। बिहार के विद्यार्थियों में अंतरिक्ष को जानने की ललक काफी बढ़ा है, यह अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है। बिहार के विद्यार्थी काफी मेधावी होते हैं।
एम शंकरन ने ये भी कहा कि 23 अगस्त, 2024 को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ मनाया जायेगा, यह चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का स्मरण कराएगा। इसे लेकर एक माह का उत्सव मनाया जा रहा है। उत्सव कार्यक्रम का समापन 23 अगस्त को दिल्ली में होगा।
इसरो से आए विज्ञानियों ने छात्रों को बताया कि स्पेस क्षेत्र के वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ दो प्रतिशत की है। इसमें निजी क्षेत्र का कुल हिस्सा का एक प्रतिशत से भी कम है। देश में निजी क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इन्हें इसरो भी प्रोत्साहित कर रहा है। 2030 तक वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। विद्यार्थियों के प्रश्नों के जवाब में विज्ञानियों ने कहा कि अंतरिक्ष की तरह ही इस क्षेत्र का भविष्य भी काफी व्यापक है। छात्र बेहतर करियर के रूप में इस क्षेत्र का चयन कर सकते हैं। इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए छात्र साइंस और गणित के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दें। अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण होता हैं। अंतरिक्ष में भ्रमण के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है। पेट में कीड़ा होने पर अंतरिक्ष में जाना संभव नहीं होता है।