बिहार सरकार परीक्षा माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी में है। सोमवार को अधिकारियों के साथ सीएम नीतीश कुमार ने बैठक की। बैठक के बाद सीएम ने कहा कि बिहार में पेपर लीक जैसे गंभीर मामलों के लिए सख्त कानून बनाया जाएगा। आगामी विधानसभा सत्र में नया कानून लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्तियों को लेकर आयोजित परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे। परीक्षा में किसी प्रकार की अनियमितता और प्रश्न पत्र लीक ना हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इससे संबंधित प्रस्ताव बनाकर तैयार रखें, ताकि आगामी विधानसभा के सत्र में बिल जाया जा सके।
नीतीश सरकार ने सुशासन के कार्यक्रम 2020-25 के तहत सात निश्चय- 2 के अंतर्गत 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने डिप्टी सीएम, संबंधित विभागों के मंत्री, मुख्य सचिव, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के साथ बैठक की।
आगामी एक वर्ष में लक्ष्य तक पहुंचने के लिए शेष नौकरी एवं रोजगार देने के काम को कार्य योजना बनाकर मिशन मोड में पूरा करने का निर्देश दिया है। अब तक 5 लाख 16 हजार लोगों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त 1 लाख 99 हजार सरकारी नौकरी से संबंधित नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अगले तीन महीने के अंदर नियुक्ति पत्र वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।
विभिन्न आयोगों को 2 लाख 11 हजार नई नियुक्ति के लिए अनुशंसा भेजी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त अगले एक महीने में 2 लाख 34 हजार रिक्तियों की अनुशंसा विभिन्न आयोगों को भेजी जाएगी। साथ ही 2025 में नियुक्ति के लिए 72 हजार और रिक्तियां होने का अनुमान है। जिसकी अनुशंसा अगले वर्ष भेजी जाएगी।