Bihar Metro Train: बिहार में मेट्रो का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है, दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मेट्रो दौड़ाने की तैयारी तेज हो गई है। नीतीश सरकार जायका फंड में देरी के बाद नन जायका फंड से मेट्रो के प्राथमिकता कॉरिडोर का काम कराने की तैयारी कर रही है। इधर नगर विकास विभाग कॉरिडोर पर सिग्नल, कोचिंग व ट्रैक्शन कार्य अलग फंड से कराने पर विचार कर रहा है, कहा जा रहा है कि 2025 से पहले बिहार वासियों मेट्रो ट्रेन में सफर का सपना पूरा हो सकता है।
पटना के अलावा राज्य के चार शहर गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में भी मेट्र्रो प्रोजेक्ट में तेजी लाई जा रही है, नवंबर तक संभाव्यता (फिजिबिलिटी) रिपोर्ट के बाद जनवरी तक डीपीआर का काम करा लेने की योजना है। इसके साथ पटना एयरपोर्ट और पटना साहिब तक मेट्रो विस्तार के लिए डीपीआर को लेकर जल्द ही एजेंसी राइट्स से अनुरोध किया जाएगा। पटना में मेट्रो निर्माण के लिए जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) मदद कर रही है। इसकी मदद से राजधानी में दो कॉरिडोर का काम चल रहा है।
नीतीश सरकार की योजना कॉरिडोर-2 पर मलाही पकड़ी से आईएसबीटी बैरिया के बीच प्राथमिकता के आधार पर मेट्रो शुरू करना है। प्राथमिकता कॉरिडोर पर जायका फंड से काम होने पर 2026 तक मेट्रो परिचालन शुरू हो पाता। राज्य सरकार का प्रयास है कि अलग फंड से कुछ काम करके जुलाई 2025 तक मेट्रो शुरू कर दिया जाए। इसके लिए निर्माण एजेंसी डीएमआरसीएल से नगर विकास विभाग की बातचीत हो चुकी है। पिलर निर्माण हो चुका है। ट्रैक बिछाने का काम होना है। सरकार की योजना मेट्रो विस्तार की भी है। योजना के तहत पटना एयरपोर्ट और पटना साहिब गुरुद्वारा को भी मेट्रो से जोड़ने का प्रस्ताव है। नगर विकास विभाग इस पर भी जल्द काम शुरू करेगा। डीपीआर बनाने के लिए जल्द ही गुड़गांव स्थित एजेंसी राइट्स से अनुरोध किया जा रहा है।
गुड़गांव स्थित एजेंसी राइट्स को बिहार मेट्रो की जिम्मेदारी सौंपी गई है, राज्य में मेट्रो के लिए सात करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सर्वे के बाद राइट्स को चार माह में रिपोर्ट देनी है, राइट्स को मेट्रो परिचालन की फिजिबिलिटी, कंप्रिहेनसिव मोबिलिटी प्लान और अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट तैयार की जानी है। रिपोर्ट आने के बाद डीपीआर बनाने का काम शुरू होगा। यह भी जनवरी तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है। उसके बाद कार्य प्रारंभ करने की स्वीकृति ली जाएगी।