Bihar Politics: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरजेडी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि ‘हमने बिहार में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के उन्हें दूसरा मौका दिया लेकिन उन्होंने हमें फिर से धोखा दिया और भाजपा में वापस चले गए।’ इतना ही नहीं तेजस्वी ने भाजपा और आरएसएस सहित उसके सहयोगी संगठनों को सरकार में जगह देने के लिए नीतीश कुमार को दोषी ठहराते हुए कहा कि ‘राज्य में पंद्रह साल के आरजेडी शासन में भाजपा और आरएसएस का आकार छोटा हो गया था, लेकिन बिहार में नीतीश के सत्ता में आने के बाद ये संगठन फले-फूले हैं।’
बिहार के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के बारे में तेजस्वी ने आरोप लगाया कि व्यापारिक सौदों ने पहले ही राजनीतिक दलों में विचारधारा की जगह ले ली है, उन्होंने प्रश्नपत्र लीक होने और पुल ढहने की लगातार घटनाओं के लिए नीतीश सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई। तेजस्वी ने राज्य में नौकरी भर्तियों के प्रति उदासीनता के लिए नीतीश पर हमला बोला और कहा ‘जब मैंने भर्ती अभियान का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने सवाल किया कि भर्ती अभियान का पैसा कहां से आएगा? नीतीश ने पहले कहा था कि इसके लिए पैसा क्या उनके पिता देंगे, लेकिन जब राज्य में महागठबंधन सत्ता में थी तो उन्हें ज्वाइनिंग लेटर बांटना पड़ा।’
आरजेडी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के आयोजित एक बैठक में बोलते हुए तेजस्वी ने कहा ‘अब ज्यादा समय नहीं है। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा हम राजद की नींव को और मजबूत करने की आकांक्षा रखते हैं, यह गांधी और लोहिया जैसे लोगों की विचारधारा की निरंतरता है। ‘ एनडीए पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा ‘अल्पसंख्यकों को सत्तारूढ़ सरकार द्वारा निशाना बनाया गया था, नीतियों का विरोध करने वाले किसानों को खालिस्तानी और मुसलमानों को आतंकवादी कहा जाता था। इसके अलावा तेजस्वी ने अल्पसंख्यकों को पार्टी की ताकत बताया और कहा ‘वक्फ बोर्ड मौजूदा एनडीए सरकार के निशाने पर है, पीएम मोदी के नेतृत्व में पहली बार किसी बिल (वक्फ संशोधन) को जेपीसी में भेजा गया है। हम कभी नहीं झुके, भले ही एजेंसियों ने हमें निशाना बनाया है।’