Bihar School Guidelines: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के लिए एक नई गाइडलाइन जारी करते हए कहा है कि अब से स्कूल में किसी भी हालत भी बच्चों की पिटाई नहीं होगी। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि अब हर महीने शिक्षा विभाग प्रत्येक प्रखंड में एक शिक्षक छात्र और छात्रा का चयन कर उन्हें सम्मानित करेंगे। सम्मान शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव व प्रधान सचिव द्वारा दिया जाएगा, इसको लेकर जल्द ही शिक्षा विभाग चयन प्रक्रिया की पूरी जानकारी उपलब्ध कराएगा।
दरअसल गुरुवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने स्कूलों में शिक्षकों की भूमिका के संबंध में एक मार्गदर्शिका जारी की, यह पांच श्रेणियों क्रमश: छात्र स्वरूप, विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन और अभिभावक प्रबंधन के संबंध में है। यह विशेष रूप से कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में शारीरिक दंड का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। यह बच्चे के व्यवहार को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। शिक्षकों को यह सुनिश्चित कराना है कि विद्यालय निर्धारित पोशाक में आएं और सभी विषयों के पाठ्य पुस्तकें उनके पास रहें।
विद्यालय प्रबंधन शीर्ष के तहत यह कहा गया है कि शिक्षक कक्षा प्रारंभ होने समय से 10 मिनट पहले विद्यालय आएंगे और ई-शिक्षा कोष एप के माध्यम से अपनी हाजिरी बनाएंगे। विद्यालय के प्रधानाचार्य के साथ बैठक कर उन्हें उस दिन की शिक्षण योजना पर विमर्श भी करना है। प्रतिदिन एक चेतना सत्र भी होगा, जिसमें नैतिक मूल्यों पर चर्चा होगी।
सभी शिक्षक अनिवार्य रूप से शिक्षक शिक्षा संस्थानों में छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण पूरा करेंगे। किसी भी विद्यालय में अगर अप्रशिक्षित शिक्षक पाए गए तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। मेन्यू के हिसाब मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। कक्षा प्रबंधन के तहत शिक्षकों को वर्ग मॉनीटर से अनुपस्थित विद्यार्थियों की संख्या को लिखवाना है। विषयवार शिक्षकों की कमी होने पर बहुस्तरीय कक्षा का संचालन किया जा सकता है। विद्यार्थी की डायरी को शिक्षक नियमित रूप से देखें यह निर्देश भी मार्गदर्शिका में है। वैसे विद्यार्थियों की पहचान करनी है जो कक्षा में अपने सहपाठियों एवं शिक्षकों के साथ स्वतंत्र भाव से आत्मविश्वास के साथ बातचीत नहीं करते हैं।