पटना हाई कोर्ट के सामने वाले फुटपाथ पे ऐसी कई दुकानें लगी हुई है, जहां बहुत ही खूबसूरत, रंगबिरंगे, निराले और आकर्षक सिरेमिक पॉट मिल रहे है। आपने देखा होगा कि आज कल इनडोर प्लांट का चलन बढ़ते जा रहा है और अगर पौधा सिरेमिक पॉट हो तो वह उस जगह की खूबसूरती को ओर बढ़ा देता है। इन फुटपाथ के दुकानों पे एक से एक बढ़ कर फ्लावर पॉट बिक रहे है। वैसे तो सिरेमिक पॉट काफी महंगे मिलते है क्योंकि यह पटना में नहीं बनता खुर्जा, नागपुर, जयपुर, दिल्ली जेसे जगहो से आता है, इसलिए यह महंगा मिलता है।
यहां छोटे पॉट से लेकर बड़े पॉट मिलते है जिसकी कीमत ₹120 से शुरू होती है। इन दुकानों पर तुलसी चौरा पांच प्रकार का है जिसकी कीमत ₹175 से ₹1100 तक की है। दूकान के मालिक राजू राम और सुमति देवी से बातचीत करते वक्त उन्होंने कहा कि पॉट की कीमत उसके आकर पर निर्भर करती है। ये सब पॉट हम बाहर से मगाते खुद नहीं बनते और हमलोग पी.ओ.पी स्वरसवती और गणेश की पॉप मूर्ति भी खुद बनाते है। उनके परिवार में 4 बेटी और 3 बेटा है जो यही काम करते है। उनकी रोजी-रोटी इसी से चलती है। वे लोग राजस्थान, उदयपुर के निवाशी है पर बिहार में 30 साल से रह रहे है। आज भी उनलोगों की वेशभूषा और बोलचाल राजस्थानी ही है। उनलोग के पास रहने को अपना घर नहीं है। वे सरकार के जमीन पे टेंट लगा कर रहते है और फुटपाथ पे दुकान लगाते है और वही मूर्ति भी बनाते है। उन्होंने (राजू राम) बताया कि इनकी दो बुआ भी हैं जो यही काम करती हैं। राजू राम की बहनो की दुकान भी बगल में ही है। उनकी बहन दरिया देवी ने बताया की अब उनके पति नहीं है। उनका एक लड़का और एक लड़की है, बेटा अब पढ़ाई नहीं करता यही कम करता है और उनकी जीविका भी फुटपाथ के मूर्ति, दिया स्टैंड, फैन सेलिंग के दुकान चलाती है। मूर्ति की कीमत ₹300 से शुरू होती है ओर आकार के अनुसार इनकी कीमत बढ़ती है। घरौंदे की कीमत ₹300 से ₹500 है। दिवाली और सरस्वती पूजा में अच्छी बिक्री होती है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब नगरपालिका वाले आते है तो दुकान को हटाना पड़ता है, पर जब चले जाते है तो सब कुछ शांत हो जाता है और वे लोग अपना दुकान फिर से लगाते है।
प्रस्तुति:–शचि श्यामली सिंह