SC ST Quota Reservation: सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को लेकर नए फैसले पर अब राजनीतिक गरमा गई हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एससी/एसटी आरक्षण के तहत जातियों को अलग से हिस्सा दिया जा सकता है। अब इसको लेकर चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी(आर) ने ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया दी है।
एलजेपी आर ने ‘एक्स’ पर लिखा कि ‘एससी/एसटी श्रेणियों को सब-कैटेगरी में रिजर्वेशन वाले मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) पक्षधर नहीं है। पार्टी के संस्थापक पद्म भूषण श्रद्धेय रामविलास पासवान जी भी इस बात की मांग करते आएं की जब तक समाज में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के खिलाफ छुआछूत जैसी प्रथा है, तब तक एससी/एसटी श्रेणियों को सब-कैटेगरी में आरक्षण और कृमिलेयर जैसे प्रावधान न हो। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह करती है कि फैसले का पुर्नविचार किया जाए ताकि एससी/एसटी समाज में भेदभाव न उत्पन्न हो और समाज को कमजोर न किया जा सके।’
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि ‘अनुसूचित जातियों (एससी) में पिछड़ापन ‘वास्तविक समानता’ हासिल करने की राह में रोड़ा है और उप-वर्गीकरण इसे हासिल करने के साधनों में से एक है। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी अपने 140 पृष्ठ के बहुमत वाले फैसले में की, इस फैसले में शीर्ष न्यायालय ने कहा कि ‘राज्यों को कोटा के अंदर कोटा देने के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, क्योंकि वे सामाजिक रूप से विविधता वाला वर्ग हैं।’