CM नीतीश के गृह जिले नालंदा के बिहारशरीफ नगर निगम के वार्ड नं.51 स्थित बाजितपुर गांव के लोग आजादी के बाद से ही बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद भी गांव का विकास नहीं हो पाया है। ग्रामीणों को आज भी पीने के पानी के लिए कुंओं का सहारा लेना पड़ता है। कुएं का दूषित पानी पीने की वजह से गांव वाले गंभीर बीमारियों का शिकार भी हो जाते हैं।
गांव में न तो सड़कें हैं और न ही नल-जल की सुविधा है। बरसात के मौसम में गांव टापू में तब्दील हो जाता है, जिससे लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है। गांव के स्कूल में भी पानी भर जाता है, जिससे बच्चों और शिक्षकों को काफी परेशानी होती है।
गांव में शहर को जोड़ने वाली सड़कें भी नहीं है। इससे लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है। बरसात के मौसम में कीचड़-गंदगी से लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। बिहार शरीफ शहर से गांव की दूरी महज 1 किलोमीटर के करीब है, लेकिन बरसात में मुख्य मार्ग पर जलजमाव के कारण यहां पहुंचने के लिए लोगों को 3 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है।
गांव में नल-जल की सुविधा नहीं है। ग्रामीणों को घरेलू कामों के लिए भी कुएं का ही पानी इस्तेमाल करना पड़ता है। कभी-कभार तो बच्चे कुएं में भी गिर जाते हैं। तीन साल पहले एक बच्ची कुएं में गिर गई थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी। बरसात के मौसम में गांव के निचले इलाकों में जलजमाव हो जाता है, जिससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है। गांव के बाहर निकलने वाले सभी रास्तों में जलजमाव के कारण काफी परेशानी होती है।