पटना: बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने 21 फरवरी को इस्तीफा दे दिया। वे जदयू के विधायक, पूर्व मंत्री व लोकसभा के पूर्व सदस्य हैं। जदयू में नाराज, मंत्री पद के दावेदारी, लोकसभा उम्मीदवार बनने को हैं इच्छुक, जदयू, भाजपा की पिछली सरकार में भवन निर्माण मंत्री रहते उनका विभाग के प्रधान सचिव एवं सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार से पटरी बिगड गयी थी। इसके कारण उनका विभाग बदल कर योजना एवं विकास मंत्री बना दिया गया था। सत्ता में राजद की साझेदारी मिलने पर महेश्वर हजारी मंत्री की मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। और फिर इन्हें राजुयमंत्री के समकक्ष डिप्टी स्पीकर का पद मिला था।
मंत्री बनाये जाने की चर्चा
जदयू सूत्रों ने बताया कि महेश्वर हजारी को जल्द ही नीतीश सरकार में मंत्री बनाया जायेगा। इस कारण से ही उन्होंने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। महेश्वर हजारी पहले भी नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल सरकार में सिर्फ 9 मंत्री शामिल हैं। बीजेपी की ओर से मंत्रियों के नाम तय नहीं होने के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। नये मंत्रिमंडल में महेश्वर हजारी दलित तबके का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
पूर्व में भी मंत्री पद का नहीं मिला मौका
महेश्वर हजारी पासवान जाति से आते हैं। जातीय जनगणना की रिपोर्ट बता चुकी है कि बिहार में अनुसूचित जाति के लोगों में सबसे बड़ी आबादी पासवान जाति की है। ऐसे में नीतीश कुमार महेश्वर हजारी को मंत्री बना कर पासवान जाति को लुभाने की कोशिश करेंगे। अब तक चिराग पासवान के कारण पासवान जाति के वोटर नीतीश कुमार के विरोधी माने जाते रहे हैं। महेश्वर हजारी के मंत्री बनने से पूर्व में मंत्री रहे रत्नेश सदा का पत्ता साफ होने के पूरे आसर नजर आने लगे हैं। मिडिया से बातचीत करते हुये उन्होने कहां है, मुख्यमंत्री से बात हो गई है। हालांकि उन्होंने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि वह मंत्री मंडल में सामिल होंगे या समस्तीपुर लोकसभा सुरक्षित सीट से चुनाव लारेंगे। पूर्व में भी महागठबंधन की सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था, उससे पहले जदयू भाजपा की सरकार में मंत्री थे, और लोकसभा के सदस्य भी रह चुके है।