पटना जिले के फतुहा प्रखंड के मोमिंदपुर पंचायत में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। फल्गु नदी की सहायक धोबा नदी के उफान पर आने से करबीघा, मोमिंदपुर, नियाजीपुर, बुद्धदेवचक और निसीबूचक सहित कई गांवों में पानी भर गया है।
खेतों में जलभराव के चलते करीब 500 बीघा धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। बाढ़ का पानी अब घरों में भी घुस चुका है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
फल्गु नदी का तटबंध टूटा, बढ़ा संकट
स्थानीय लोगों ने बताया कि हाल ही में फल्गु नदी का तटबंध टूट गया, जिससे उसकी सहायक नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ गया। इसका सबसे अधिक असर धोबा नदी पर पड़ा, जो अब उफान पर है। इसी कारण आसपास के गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
गांवों में भरा पानी, रास्ते ठप
मोमिंदपुर पंचायत के कई गांवों की हालत गंभीर बनी हुई है। ग्रामीणों सुधीर यादव, सुगंध कुमार, हेमंत कुमार, कृष्णकांत कुमार और राजीव कुमार ने बताया कि…
“खेतों में पानी भरने से फसल तो बर्बाद हो ही गई, अब यह पानी घरों और सड़कों में घुसकर आम जनजीवन को भी बर्बाद कर रहा है।”
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बुद्धदेवचक की ओर जाने वाली सड़क पर पानी भर जाने से संपर्क पूरी तरह से कट गया है।
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फोरलेन से गांव तक आने वाली मुख्य सड़क भी जलमग्न हो चुकी है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पशुओं के लिए चारे का संकट
बाढ़ का पानी अब पशुओं तक पहुंच चुका है। ग्रामीण अपने मवेशियों को ऊंचे स्थानों या सड़कों पर बांधने को मजबूर हैं।
इंद्रजीत कुमार और राजीव कुमार ने बताया कि:
“पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन अब तक न कोई नाव पहुंची है, न कोई सरकारी सहायता।”
उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ राहत अब तक कागजों तक सीमित है।

हर संभव सहायता का भरोसा
बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए स्थानीय विधायक डॉ. रामानंद यादव ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
वहीं, फतुहा अंचलाधिकारी मुकेश कुमार ने कहा…
“जहां भी नाव की आवश्यकता की सूचना मिल रही है, वहां नाव भेजी जा रही है। मोमिंदपुर पंचायत में भी यदि जरूरत हुई तो शीघ्र नाव की व्यवस्था की जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि वे स्वयं सभी प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं।