झारखंड: चंपई सोरेन सरकार ने विश्वास मत जीत लिया। 5 फरवरी को करीब 2 बजे हुई वोटिंग में पक्ष में 47 तो विपक्ष में 29 वोट पड़े। भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का एक-एक विधायक और एक निर्दलीय गैरहाजिर रहे। वहीं निर्दलीय सरयू राय सदन में थे, लेकिन वोटिंग नहीं की। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था। स्पीकर ने इस पर चर्चा के लिए एक घंटे 10 मिनट का समय निर्धारित किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और आजसू के सुदेश महतो ने बात रखी।
23 मिनट के भाषण में हेमंत सोरेन ने तीखे लहजे में दिया जवाब
बता दें कि 23 मिनट के भाषण में हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और भाजपा को तीखे लहजे में जवाब दिया। कहा कि देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया। लगता है इसमें राजभवन शामिल है। वे एक भी पेपर दिखा दें कि मैंने साढ़े 8 एकड़ जमीन हड़पी है तो राजनीति से संन्यास क्या, मैं झारखंड छोड़कर चला जाऊंगा।
लोगों को अच्छा नहीं लग रहा कि एक आदिवासी सीएम बीएमडब्लू में चल रहा है
उन्होंने आगे कहा कि इन लोगों को ये अच्छा नहीं लग रहा कि एक आदिवासी सीएम बीएमडब्लू में कैसे चल रहा है। इनका बस चले तो ये हमें फिर से जंगल में भेज देंगे। हमारे पास बैठने से इनके कपड़े गंदे होते हैं। इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया, वो मुख्यमंत्री ऑफिस (सीएमओ) से लिखकर आया था, न कि प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) से ये तो वहीं बात हुई, ‘चोर मचाए शोर’।