रांची, एचडी न्यूज। राज्य सरकार ने 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को निलंबन से मुक्त कर दिया है। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। फिलहाल उन्हें पैतृक विभाग कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग में योगदान करने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने उन्हें जमानत मिलने की तिथि 7 दिसंबर 2024 से निलंबन मुक्त किया है। निलंबन समीक्षा समिति की अनुशंसा पर सरकार ने यह फैसला लिया है।
अररेस्ट करने की वजह
दरअसल, 6 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पूजा सिंघल और उनके करीबियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। तब सीए सुमन कुमार के घर से 19 करोड़ से ज्यादा रुपए बरामद हुए थे। छापेमारी के 5 दिन बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें पहली बार जनवरी 2023 में बेटी के इलाज के नाम पर अंतरिम जमानत मिली थी। हालांकि जेल में रहने के दौरान तबीयत खराब हो जाने की वजह से लंबे समय तक पूजा सिंघल को रिम्स के पेइंग वार्ड में रखा गया था.
31 महीने से जेल में बंद रहने के बाद मिली है जमानत
आईएएस पूजा सिंघल को 31 महीने जेल में रहने के बाद 7 दिसंबर 2024 को पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिली थी। ED की विशेष अदालत ने उन्हें दो लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है। इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करना है। पूजा सिंघल को नए कानून का लाभ मिला है। BNS (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 479 के तहत अगर कोई आरोपी किसी मामले में लंबे समय से जेल में बंद है और उसकी न्यायिक हिरासत की अवधि उस मामले में दी जाने वाली सजा की एक तिहाई है, तो उसे बेल दी जा सकती है। इस कानून का हवाला देकर पूजा सिंघल ने जेल से ही बंदी पत्र लिखा था। जिसके बाद सुनवाई करते हुए जमानत दी गई है।