भागलपुर: फिल्म इंडस्ट्रीज के चर्चित लेखक व निर्देशक भागलपुर बौंसी के रहने वाले इतवार दुर्रानी आज भागलपुर पहुंचे उन्होंने कहा कि मैंने कई अभिनेता और अभिनेत्री को बनाया है। जिसकी पहली फिल्म का लेखक होने का भी मुझे सौभाग्य प्राप्त है, वह ‘फूल और कांटे’ जैसे चर्चित फिल्म के लेखक इकबाल दुर्रानी ने कहा फूल और कांटे के बाद अब फिल्म के परदे पर फूल और कांटे पार्ट 2 देखने को मिलेगा जिसमें कई लोकेशन भागलपुर व भागलपुर के आसपास के क्षेत्र के होंगे साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय कलाकार भी इस फिल्म में काम करने का मौका मिलेगा
पार्ट-दो में बाले गये गाना का बोल
इकबाल दुर्रानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि फूल और कांटे के गाने को आप लोगों ने सुना होगा जिसके बोल थे ‘धीरे-धीरे प्यार को बढ़ाना है’ लेकिन अब यह गाने के बोल बदल जाएंगे अब ‘जल्दी-जल्दी प्यार को बढ़ाना है’ जैसे बोल गाने में सुनने को लोगों को मिलेंगे। आज इकबाल दुरानी द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन तपोवर्धन संस्थान में किया गया उन्होंने कहा कि मैं एक महीने तपोवर्धन में ही अपना इलाज कराऊंगा उसके बाद इस एक महीने में फिल्मों की स्क्रिप्ट को भी यही तैयार करूंगा। प्रेस वार्ता के दौरान इकबाल दुर्रानी के साथ-साथ तपोवर्धन के कई पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे।
फूल और काँटे से अजय देवगन की हुई फिल्मी कैरियर सुरु
फूल और काँटे कुकू कोहली द्वारा निर्देशित 1991 की हिन्दी भाषा की एक्शन रूमानी फिल्म है। इसमें अजय देवगन, मधु, अरुणा ईरानी, जगदीप और अमरीश पुरी शामिल हैं। इस फिल्म से अभिनेत्री हेमा मालिनी की ममेरी बहन मधु और स्टंट और एक्शन कोरियोग्राफर वीरू देवगन के बेटे अजय देवगन की शुरुआत हुई। फिल्म ने 1991 के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरुष प्रथम अभिनय पुरस्कार अजय देवगन को जिताया। यह फिल्म से अजय देवगन के फिल्मी कैरियर की सुरुआत हुई. इस फिल्म में अजय देवगन दो चलती मोटरसाइकिल पर खड़े होकर आते हुए दिखाई दिए थे। तब से कई फिल्मों में इसी तरह के स्टंट दोहराए गए हैं। हालांकि 1191 यह फिल्म सुपरहिट रही थी और करीब 12 करोड़ की कमाई की थी।
कई सुपरहिट फिल्मों के लेखक हैं इकबाल दुर्रानी
बता दें कि इकबाल दुर्रानी बॉलीवुड की कई सुपरहिट फिल्मों का लेखन कर चुके हैं। जिसमें 1990 में आई फिल्म शानदार, 1990 में आई दूध का कर्ज, 1991 में आई इज्जत, 1991 में आई फूल और कांटे, 1991 में आई सौगंध, 1993 में आई धरतीपुत्र, 1994 में आई खुद्दार, 1994 में आई बेताज बादशाह, 1999 में आई कोहराम सहित कई फिल्में शामिल है। इसके अलावा उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों का निर्देशन भी किया है। बात चित के दौरान इकबाल दुर्रानी ने कहां जिस प्रकार एक खाली पड़े खेत में फसल बोने के बाद वहां से फसल उगाया जा जा सकती है, वैसे ही इन जगहों के बारे में काम कर इसे बेहतर बनाए जा सकता है।