झारखंड: राज्य में लगातार गर्मी बढ़ रही है और राज्य का लगभग आधा हिस्सा गर्म हवाओं की चपेट में आ चुका है। बता दें कि अधिकतम तापमान हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र के रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे में राज्य का मौसम शुष्क रहा है। सबसे अधिक उच्चतम तापमान सराइकेला का रहा। यहां 43 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर दर्ज किया गया है। वहीं सबसे कम तापमान गोड्डा जिले का रहा। जहां 20.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि जिस तरह का मौसम अभी चल रहा है, ऐसी स्थिति पूरे माह रहने वाली है। मई से 15 जून तक गर्मी बढ़ेगी ही।
शुष्क हवाओं ने बढ़ाई गर्मी
मौसम विज्ञान केंद्र के रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर पश्चिम से चल रही शुष्क हवा के कारण झारखंड का आधा हिस्सा लू की चपेट में आ गया है। अधिकतम तापमान बढ़ रहा है और गर्म हवाएं चलने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 19 अप्रैल यानी आज रांची और खूंटी का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस, 20 अप्रैल को 39 डिग्री सेल्सियस और 21 अप्रैल को 40 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
हल्के बादल छाने से राहत की उम्मीद
हालांकि अपने पूर्वानुमान में बदल जाने की बात भी मौसम विभाग ने की है। मौसम विभाग के अनुसार 22 अप्रैल को हल्के बादल छाए रह सकते हैं। वहीं झारखंड के दक्षिणी हिस्से विशेष रूप से सिमडेगा, पश्चिमी और पूर्वी सिंहभूम और सराइकेला में हल्के दर्ज की बारिश हो सकती है। मौसम में यह परिवर्तन लोगों को थोड़ा राहत दे सकता है।
44 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है तापमान
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार 21 अप्रैल को सराइकेला, गोड्डा, पाकुड़ तथा पूर्वी सिंहभूम में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। जबकि पश्चिमी सिंहभूम, धनबाद, बोकारो, देवघर, चतरा, पलामू और गढ़वा में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक बचने की सलाह
भीषण गर्मी को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों को एहतियात बरतने को कहा है। केंद्र की ओर से सलाह भी जारी की गई है। जिसमें कहा गया है कि बहुत जरूरी ना हो तो दिन के 11:00 से दोपहर 3:00 तक घर से बाहर निकलने से बचें। अगर निकालना जरूरी है तो टोपी पहनकर या छाता लगा कर चलें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। बच्चों और बुजुर्ग का इस गर्मी में विशेष ध्यान रखना होगा। वैसे श्रमिक जो भारी काम करते हैं, उन्हें दोपहर 11 से 3 बजे तक बचना चाहिए। संभव हो तो नियमित पानी पीते रहें।