पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिलाधिकारियों को कहा है कि भले ही किसी उत्क्रमित विद्यालय में एक भी छात्र न हो, फिर भी वहां शिक्षकों को पदस्थापित करें ऐसे विद्यालयों में छात्र इसलिए नहीं हैं, क्योंकि पहले वहां शिक्षक नहीं थे। जानकारी मिलेगी कि शिक्षक आए गए हैं तो छात्र भी अपना नामांकन कराएंगे। बता दें कि पाठक ने यह पत्र उन सूचनाओं के आधार पर लिखा है, जिसमें बताया गया है कि छात्र विहीन विद्यालयों में नवचयनित शिक्षकों को पदस्थापित करने में जिला स्तर पर संकोच किया जा रहा है।
11 साल बाद जिंदा होंगे अपग्रेडेड माध्यमिक स्कूल
बता दें कि बिहार सरकार ने 2013 में पंचायतों के मध्य विद्यालयों को अपग्रेड कर उन्हें माध्यमिक स्कूल बनाया। लेकिन ये स्कूल शिक्षक नहीं तो छात्र नहीं, छात्र नहीं तो शिक्षक नहीं जैसे सिंड्रोम फंस गए। बीते 11 वर्षों में इनमें पढ़ाई ही शुरू नहीं हुई क्योंकि इन स्कूलों में शिक्षक ही नहीं तैनात किए गए। अब केके पाठक ने यहां शिक्षकों की नियुक्ति का निर्देश दिया है। कहा है चाहे अपग्रेडेड स्कूलों में विद्यार्थी हों या नहीं, शिक्षक तो होने ही चाहिए और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी होना चाहिए कि शिक्षक आ गए हैं। इसके बाद भी इन स्कूलों में बच्चे नहीं आते हैं, तो इन्हें बंद करने पर विचार होगा।
जिलों को निर्देश-हिचकिचाहट खत्म करें, और प्रस्ताव दें
बता दें कि हाई स्कूल के लिए 55 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होने के बाद भी 100 से कम विद्यार्थी होने पर शिक्षकों के पदस्थापन का प्रस्ताव देने में जिला स्तर पर हिचकिचाहट दिखाई जा रही है। पाठक ने इसे खत्म करने के लिए जिलों को कहा है कि वे प्रस्ताव भेजें। लिखा है कि 2013 में मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित कर माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाया गया। लेकिन वहां पर्याप्त शिक्षक नहीं भेजे गए। इस कारण विद्यार्थियों ने वहां नामांकन नहीं लिया।
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