पटना: डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य में पारंपरिक ग्यान तथा आधुनिक दृष्टिकोण में भारतीय कृषि विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय किसान संघ और भारतीय एग्रो इकानामिक रिसर्च सेंटर ने भी आयोजक के रूप में अपनी सहभागिता दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय एवं भारतीय एग्रो इकानामिक रिसर्च सेंटर के बीच एक समझौता ग्यापन पर भी हस्ताक्षर किया गया। कृषि अनुसंधान कार्यक्रम में बोलते हुए कुलपति डॉ पी एस पांडेय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का असर आम लोग भी अब महसूस कर रहे हैं। कृषि पर जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का प्राचीन ग्यान जलवायु परिवर्तन के इस दौर में पूरे विश्व को नई दिशा दे सकता है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में प्राकृतिक खेती पर एक विस्तृत कोर्स शुरू किया गया है। इसके अतिरिक्त वैदिक एवं अन्य प्राचीन कृषि पर भी अनुसंधान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि आर्थिक अनुसंधान परिषद इस ओर अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पारंपरिक ग्यान को आधुनिक दृष्टिकोण के साथ नये रूप में डिजिटल कृषि के विभिन्न माध्यम के जरिए किसानों तक पहुंचायेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पारंपरिक ग्यान और आधुनिक ग्यान को जोड़ कर अनुसंधान करने पर भी विशेष महत्व दिया जायेगा। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री दिनेश दत्तात्रेय कुलकर्णी ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ पांडेय के नेतृत्व में काफी अच्छा कार्य कर रहा है। दोनों संस्थान के बीच आज जो समझौता हुआ है वो ऐतिहासिक है।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक ग्यान को आधुनिक ग्यान के साथ मिलाकर जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीति बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान किये जाने चाहिए। विशिष्ट अतिथि डॉ मकरंद करकरे ने पारंपरिक कृषि की विशेषताओं के विषय में जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि श्री प्रमोद कुमार चौधरी ने भारतीय किसान संघ के इतिहास को बताया और वर्तमान संदर्भ में उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ मयंक राय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें शाल तथा पौधा देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का आयोजन डॉ शंकर झा के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर महाविद्यालय के द्वारा किया गया। मंच संचालन डॉ राजीव कुमार ने किया। कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव डा मृत्युंजय कुमार, निदेशक अनुसंधान डॉ ए के सिंह डीन इंजीनियरिंग डॉक्टर अम्बरीष कुमार,डीन कम्युनिटी साइंस डॉ उषा सिंह, डीन बेसिक साइंस डॉ अमरेश चंद्रा, डॉ राम कुमार साहू, डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न वैज्ञानिक शिक्षक एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे। उपकुलसचिव डॉ राम