26 नवंबर को बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन जी ने भारतीय संविधान की 75 वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को ‘संविधान दिवस’ की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान देश के प्रत्येक नागरिक के मान-सम्मान एवं अधिकारों का संरक्षक है. संविधान हमारी आत्मा है और इसकी हिफाजत करना हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है. आज के इस अवसर पर हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम सभी संविधान की मूल भावना को समझते हुए अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित रहेंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि भारत का संविधान हमारे लोकतंत्र का आधार है. पूरे देश में जब से लोकतंत्र स्थापित हुआ तब से संविधान को ध्यान में रखकर काम किया गया, लेकिन कुछ लोग इसे अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल करते है. उन्होंने कई बार अपने फायदे के लिए संविधान में बदलाव भी करना चाहा, लेकिन हमारी सरकार ने ऐसा होने नहीं दिया. हमारा मानना है कि बाबा भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के तहत देश चलना चाहिए. कई लोगों ने पिछले कुछ समय में धर्म, जाति और समाज के नाम पर संविधान को परिभाषित करने का काम किया, लेकिन सच तो यह है कि संविधान सबके लिए एक बराबर है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि मैं विपक्ष के साथियों से पूछना चाहता हूं कि 60 साल तक जब उनकी सरकार थी तो कभी संविधान की याद क्यों नहीं आई. संविधान की मूल धारा कहती है कि समाज के अंतिम वर्ग के लोगों का विकास होना चाहिए, लेकिन विपक्ष को इससे कोई मतलब नहीं रहा। गरीबी हटाने की जगह विपक्ष ने गरीबों को ही हटा दिया. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कारण ही एक रुपया चलता है, जो गरीब के खातों में पहुंचता हैं. हमारी सरकार हर व्यक्ति के लिए न्याय, सम्मान और अधिकार सुनिश्चित करने के लिए काम करती रहेगी.