पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (PMCH) के इंटर्न डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म दिया है। वे अपनी मांगों को लेकर लगातार दूसरे दिन हड़ताल पर थे।
इंटर्न डॉक्टर की ओर से कहा गया कि पीएमसीएच के सुपरिंटेंडेंट ने मांगों को पूरा करने का वादाकया है। एक हफ्ते के अंदर स्टाइपेंड बढ़ाने को लेकर विचार किया जाएगा।
इंटर्न्स की इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से अस्पताल की OPD और रजिस्ट्रेशन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। बड़ी संख्या में मरीज बिना इलाज के लौटने को मजबूर हो गए थे।
मरीजों की बेबसी
मरीज और उनके परिजनों का कहना था कि उन्हें घंटों लाइन में खड़ा रहने के बाद भी इलाज नहीं मिला। ग्रामीण इलाकों से आए कई मरीजों को लौटना पड़ा। परिजनों का आरोप था कि सरकार और डॉक्टरों के बीच खींचतान का खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
अब तक करीब 3 हजार मरीज प्रभावित
मंगलवार से शुरू हुई हड़ताल का आज दूसरा दिन था। इसका असर स्पष्ट दिख रहा था। OPD बंद रहने की वजह से मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 1800–3000 मरीज प्रभावित हुए हैं।
कई मरीज घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन इलाज न मिलने से उन्हें वापस लौटना पड़ा। कुछ गंभीर मरीज अस्पताल परिसर में जमीन पर लेटकर इलाज की आस लगाए बैठे दिखे।
इंटर्न्स का अल्टीमेटम
इंटर्न डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर सकते हैं। उनका कहना है कि सरकार की लापरवाही के कारण उन्हें मजबूरन हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा है।
क्या है इंटर्न डॉक्टरों की मांग
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इंटर्न डॉक्टरों ने मासिक स्टाइपेंड ₹40,000 करने की मांग उठाई है।
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फिलहाल ₹18–20 हजार मासिक स्टाइपेंड मिलता है।
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डॉक्टरों का कहना है कि नियम के मुताबिक हर तीन साल पर स्टाइपेंड का पुनरीक्षण होना चाहिए, लेकिन लंबे समय से ऐसा नहीं हुआ।
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उन्होंने अन्य संस्थानों का हवाला भी दिया—
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AIIMS पटना: ₹32,000
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IGIMS पटना: ₹30,000
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पश्चिम बंगाल: ₹43,000
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ओडिशा: ₹40,000
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