रांची। भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा हमला करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में विदेशी धर्म मानने वालों के दबाव में पेसा कानून लागू नहीं किया जा रहा है। भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में श्री दास ने कहा कि एक सरना समाज से आने वाले मुख्यमंत्री होने के बावजूद जनजातीय समाज आज भी अपनी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था से वंचित है।
रघुवर दास ने कहा कि झारखंड के वीर आदिवासी नायकों जैसे भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, पोटो हो ने स्वशासन के अधिकार के लिए संघर्ष किया था। वर्ष 1996 में केंद्र सरकार द्वारा पेसा कानून लागू किया गया, लेकिन झारखंड में अब तक यह लागू नहीं हुआ है।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पेसा कानून लागू होने से सरकार को खतरा है? क्या सरकार गिरने का डर है? उन्होंने बताया कि जुलाई 2023 में पेसा नियमावली का प्रारूप प्रकाशित किया गया था और तमाम प्रक्रियाएं पूरी होने के बावजूद अब तक इसे कैबिनेट में पारित नहीं किया गया।
श्री दास ने आरोप लगाया कि कुछ विदेशी धर्म मानने वाले लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं क्योंकि इससे सरना धर्म के लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि बालू, पत्थर, खनिज जैसे संसाधनों पर पारंपरिक प्रधानों का अधिकार हो जाएगा, जिससे माफिया और सिंडिकेट भी इस कानून के विरोध में हैं।
प्रेसवार्ता में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत ने कांग्रेस और झामुमो पर आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस ने 1961 की जनगणना से आदिवासी कोड हटाया था। उन्होंने मांग की कि हेमंत सरकार जल्द से जल्द पेसा कानून को लागू करे।