राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने गुरुवार को एनडीए की ओर से बिहार बंद को पूरी तरह विफल करार दिया है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि बिहार की आम जनता ने न केवल इस बंद को पूरी तरह नकार दिया। बल्कि, यह एनडीए के लिए “बैकफायर” साबित हुआ।
साजिश को समझ चुकी है जनता
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने बेबुनियाद बातों के आधार पर राजद-कांग्रेस के खिलाफ नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की। लेकिन, बिहार की जनता इस साजिश को समझ चुकी है।
उन्होंने कहा कि बंद की अवधि को पहले ही सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक सीमित करना इस बात का सबूत है कि भाजपा को अपने बंद की विफलता का एहसास था। सामान्य दिनों की तरह आज बाजार, दफ्तर और शिक्षण संस्थान खुले रहे तथा यातायात भी प्रभावित नहीं हुआ।
जहानाबाद में महिला शिक्षिका के साथ बदतमीजी
हालांकि, चित्तरंजन गगन ने आरोप लगाया कि बंद समर्थकों की गुंडागर्दी जरूर देखने को मिली। उन्होंने कहा कि महिला के नाम पर किए गए बंद के दौरान सबसे ज्यादा महिलाओं को ही निशाना बनाया गया। जहानाबाद में एक महिला शिक्षिका को बीच सड़क पर बेरहमी से पीटा गया। गालियां दी गईं, जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
वहीं, एक प्रेग्नेंट महिला को अस्पताल ले जा रही गाड़ी को रोक दिया गया। भागलपुर में एक पत्रकार की मां-बहन के साथ मारपीट की।
जदयू ने जवाब क्यों नहीं माांगा था
राजद प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री के डीएनए पर सवाल उठाकर उनकी मृत मां को गाली दी गई थी, तब जदयू ने जवाब मांगा था।
बंद के नाम पर बड़ी संख्या में बिहार की महिलाओं और आम नागरिकों के साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई है। अब सवाल है कि इसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कब माफी मांगेंगे।