पटना: लोकसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद की मुश्किलें बढती ही जा रही हैं। ईडी ने राष्ट्रीय जनता दल नेता और लालू प्रसाद यादव के बेहद खास सुभाष यादव को भ्रष्टाचार के आरोप में ईडी गिरफ्तार कर लिया है। दो दिन पहले ही उनके 6 ठिकानों पर 14 घंटे तक ईडी ने छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी की टीम ने करीब 2.37 करोड़ रुपये नगद बरामद किया है। इसके साथ ही निवेश और जमीन से जुड़े कई अहम दस्तावेज और कागजात भी मिले थे। इसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया गया। जहां से इन्हें 22 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी ने सुभाष यादव के 8 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी करीब 14 घंटे तक चली।
ईडी ने 6 ठिकानों पर 9 मार्च को छापेमारी की
बता दें कि इस बालू के अवैध धंधे में संलिप्त पाए गए कारोबारी सुभाष यादव को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। उन्हें पीएमएलए के विशेष कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें 22 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उनके पटना, दानापुर और मनेर स्थित 6 ठिकानों पर 9 मार्च को हुई छापेमारी में दानापुर स्थित उनके दो आवासीय ठिकानों से 2 करोड़ 37 लाख रुपये बरामद हुए हैं। इससे पहले तक 2.30 करोड़ रुपये बरामद होने की सूचना मिली थी। परंतु प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के स्तर से 11 मार्च को जारी प्रेस विज्ञप्ति में 2.37 करोड़ रुपये बरामदगी की बात बताई गई है।
ईडी 11 बड़े नेताओं के खिलाफ कर चुकी है कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक लालू प्रसाद और राजद से जुड़े 11 बड़े नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई हो चुकी है। इन सभी नेताओं को लालू प्रसाद का फाइनेंसर माना जाता रहा है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में लालू प्रसाद के बेहद करीबी माने जाने वाले सुभाष यादव को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में शनिवार 9 मार्च की रात गिरफ्तार कर लिया था। लालू के करीबी की गिरफ्तारी उस वक्त हुई थी जब अमित शाह बिहार दौरे पर पटना पहुंचे थे और उनके वापस जाने के 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि ईडी ने सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया था। सुभाष यादव की गिरफ्तारी की डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी सराहना की है । उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार किसी भी बड़े माफिया को बख्शने वाली नहीं है।