नीट पेपर लीक मामले को लेकर बिहार में सियासत बेहद ही तेज होती जा रही है। इस बीच, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का भी इस मामले में नाम आने से सियासी पारा हाई हो गया है। 4 ऐसे बयान सामने आए हैं, जिससे राजद नेता तेजस्वी यादव की टेंशन बढ़ रही है। इन बयानों ने बिहार की राजनीति में तहलका मचा दिया है।
नीट पेपर लीक मामले में पहला आरोपी नीतीश कुमार है। आरोपी नीतीश की सबसे पहले सिंकदर से मुलाकात नगर परिषद दानापुर के कार्यालय में हुई। सिकंदर इस कार्यालय में जूनियर इंजीनियर है। थोड़े से समय में दोनों के बीच दोस्ती हो गई। इसके बाद सिकंदर यादवेन्दु ने ही नीतीश की मुलाकात नगर परिषद दानापुर के कार्यालय में कार्यरत अमित आनंद से कराई। इस तरह तीनों आपस में दोस्त बन गए। इन दोस्तों के बीच बातों का सिलसिला चला तो तीनों ने रुपये लेकर बच्चों को पास कराने की बात की। अमित ने नीतीश को बताया कि बच्चे को पास कराने के बदले 30-32 लाख रुपये लगते हैं। इसके बाद सिकंदर और अमित आनंद के बीच डील हुई। नीतीश ने बताया कि परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र लीक करवाकर सभी बच्चों को उत्तर को रटवाया जा रहा था।
दूसरा आरोपी अमित आनन्द ने अपने बयान में बताया कि उसकी कैसे सिकंदर से मुलाकात हुई थी। पूरी कहानी बताते हुए कहा कि उसे जब जानकारी हुई कि पैसा लेकर नीट परीक्षा को पास कराया जा सकता है, तो खुद सेंटर बन गया और सिंकदर के डील फाइनल कर ली। डील हुई कि अमित पेपर सेट करेगा और तय हुए रुपयों पर सिंकदर बच्चों को लेकर आएगा। अमित ने यह भी कहा कि जब काम आगे बढ़ा तो सिकंदर यादवेन्दु द्वारा पूछा गया कि चारों बच्चों को कब बुलाया जाए तो मैंने बताया कि 4 मई 2024 की रात में बुलाइए। इसके बाद नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करवाकर सभी बच्चों को उत्तर के साथ पढ़वाया और रटवाया गया। सिकंदर के पकड़े जाने के बाद सारी पोल खुल गई।
इधर, तीसरे आरोपी सिकंदर यादवेन्दु ने अपने बयान में अमित आनंद और नीतीश कुमार से हुई उसकी मुलाकात की कहानी कुछ और ही बताई है। उसका कहना है कि वह अमित और नीतीश से नगर परिषद कार्यालय में मिला था। अमित और नीतीश ने ही उसे किसी भी परीक्षा/प्रतियोगिता में प्रश्न पत्र आउट कराकर बच्चे को पास कराने की बात बताई थी। उसने यह भी बताया कि नीट परीक्षा पास कराने को लेकर 30-32 लाख रुपए में डील होती है। सिकंदर ने बताया कि उसके पास चार बच्चे थे। डील फाइनल होने के बाद वह इन बच्चों के लिए बीती 4 और 5 मई की रात में प्रश्न पत्र लेकर आया और उत्तर रटवाए गए।
चौथा आरोपी अनुराग यादव। अनुराग की अपनी एक अलग ही कहानी है। उसने अपने बयान में बताया है कि वह नीट परीक्षा की तैयारी कोटा में एलेन कोचिंग सेंटर में रहकर कर रहा था। बता दें कि नीट पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड सिंकदर उसका फूफा है। सिकंदर ने ही उसे बताया था कि 5 मई को नीट की परीक्षा है। यह भी कहा कि कोटा से वापस आ जाओ। सारी सेटिंग हो चुकी है। अनुराग आगे कहता है कि सिकंदर ने ही उसे 4 मई की रात अमित आनंद और नीतीश कुमार के पास छोड़ दिया था। वहां उसे नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका दी गई, जिसे रात में पढ़वाया और रटवाया गया। उसने आगे यह भी बताया कि उसका सेंटर डीवाई पाटिल स्कूल में था। बकौल अनुराग, मैं स्कूल में परीक्षा देने गया तो जो प्रश्न पत्र रटवाया गया था, हूबहू वही सवाल परीक्षा में पूछे गए थे। यह देखकर मैं दंग था। परीक्षा के बाद अचानक पुलिस आई और मुझे पकड़ लिया।