बताते चलें कि एक जुलाई से IPC जिसे ‘इंडियन पीनल कोड’ कहा जाता है, इसकी जगह ‘भारतीय न्याय संहिता’, ‘क्रिमिनल प्रोसीजर कोड’ CRPC की जगह ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ और ‘एविडेंस एक्ट’ की जगह ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ लागू हो जाएगा।
नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं’ उनमें भी बदलाव हो जाएगा। जैसे ह’त्या के लिए लगाई जाने वाली IPC की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। ह’त्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं रे’प के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी। हालांकि ‘हिट एंड रन केस’ का संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं होगा। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला मैक्सिमम 3 साल में देना होगा।
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