झारखंड: विधानसभा के बजट सत्र में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन शामिल होंगे या नहीं इस पर झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर आज सुनवाई होनी है। यह सुनवाई जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में होगी। पीएमएलए कोर्ट से अनुमति याचिका खारिज किए जाने के बाद हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर 23 फरवरी को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को जवाब देने को कहा था। प्रवर्तन निदेशालय ने जवाब के लिए समय देने का आग्रह किया था, जिसे अदालत में स्वीकार कर लिया था और अगली सुनवाई 26 फरवरी को निर्धारित की। इसी के तहत आज सुनवाई होनी है।
याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा
पीएमएलए कोर्ट ने याचिका खारिज की बजट सत्र में शामिल होने को लेकर 21 फरवरी को पीएमएलए कोर्ट से हेमंत सोरेन ने अनुमति मांगी थी। जहां पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा। जहां उन्होंने कोर्ट को बताया गया कि बजट सत्र में मनी बिल पास होता है, इसलिए हेमंत सोरेन का रहना जरूरी है। याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 22 फरवरी को फैसला सुनाते याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रूख किया था।
बजट सत्र में उनका सदन में उपस्थित रहना जरूरी है
हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयुष चित्रेश ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि प्रार्थी निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। चंपई सोरेन सरकार के विश्वासमत के दौरान उन्हें सदन की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत से मिली थी। लेकिन बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली है। बजट सत्र में उनका सदन में उपस्थित रहना जरूरी है।
23 फरवरी से चल रहा बजट सत्र
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू हो चुका है। शुक्रवार से बजट सत्र शुरू हुआ है। शनिवार और रविवार को सदन की कार्यवाही स्थगित थी। बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में पूर्व सीएम की ओर से बताया गया है कि बजट सत्र काफी महत्वपूर्ण होता है। इसमें होने वाले निर्णय उनके विधानसभा क्षेत्र के लिए काफी जरूरी है। ऐसे में कर्तव्यों के निर्वहन के लिए कार्यवाही में उनका भाग लेना जरूरी है।
31 जनवरी को ईडी ने किया था गिरफ्तार
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के बाद 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद से ईडी ने 13 दिनों तक रिमांड में लेकर उनसे पूछताछ की। इसके बाद से वे न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। उन्हें फिलहाल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची में रखा गया है।