सावन के पावन माह में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने एक बार फिर से समाज सेवा, समभाव और धार्मिक सद्भाव का नया उदाहरण पेश किया। हर वर्ष की तरह इस बार भी मंत्री इरफान अंसारी ने मिहिजाम से सुल्तानगंज के बीच हजारों श्रद्धालुओं और कांवरियों के जत्थे को रवाना किया। खास बात रही कि मंत्री खुद भी इस बार कांवरियों के साथ पैदल यात्रा पर निकले, जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर पहुंच गया।
सड़कों पर ‘बोल बम’ के नारों के बीच जैसे ही मंत्री जी कांवर कंधे पर लिए श्रद्धालुओं के बीच पहुंचे, लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। स्थानीय लोगों ने कहा, “ऐसा सेक्युलर और जनसेवक मंत्री पहली बार देखा है, जो हर मजहब, हर पर्व-त्योहार में हमारे साथ खड़े रहते हैं।” डॉ. अंसारी की लोकप्रियता का कारण न सिर्फ उनका सेवा भाव है, बल्कि हर धर्म और समुदाय के प्रति उनका सम्मान और अपनापन भी है।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा, “मैं किसी एक धर्म या वर्ग का नहीं, प्रदेश की सवा तीन करोड़ जनता का सेवक हूँ। इंसानियत और सेवा ही मेरी असली पहचान है।” उनकी यह बात श्रद्धालुओं के दिल में उतर गई। उन्होंने बाबा बैद्यनाथ से सभी के सुख, शांति और स्वास्थ्य की कामना भी की। जनता ने भी खुलकर डॉ. अंसारी के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि चाहे सोहराय, सरहुल, रमज़ान, दुर्गा पूजा या कांवर यात्रा हो—मंत्री जी हर त्योहार में सबसे आगे मिलते हैं।
मंत्री ने यात्रा के दौरान प्राथमिक चिकित्सा दल, निःशुल्क दवाएं और अन्य जरूरी सेवाएं भी श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराईं ताकि कोई असुविधा न हो। लोगों ने खुलकर कहा कि जब मंत्री खुद सड़कों पर निकलते हैं और कांवरियों के साथ हर कदम चलते हैं, तो उन्हें लगता है जैसे बाबा ने खुद भेजा है सेवा के लिए।
डॉ. इरफान अंसारी ने अपने कार्यों से यह संदेश दिया कि राजनीति केवल सत्ता का साधन नहीं, बल्कि समाज सेवा, आस्था और सर्वधर्म समभाव का उत्कृष्ट मंच भी है। उनकी यह पहल सही मायनों में झारखंड की सेक्युलर और समावेशी संस्कृति का जीवंत प्रमाण है।