Jharkhand News: कैश कांड मामले में जेल में बंद आलमगीर आलम (Alamgir Alam) ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंत्री पद के साथ कांग्रेस विधायक दल का पद भी छोड़ दिया है। इस बात की सूचना उन्होंने राजभवन को दी है।
वहीं जेल नियमों के तहत उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा है। राजभवन सूत्र बता रहे हैं कि राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है। आज किसी भी वक्त नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
मंत्री पद के साथ विधायक दल का भी पद छोड़ा
कांग्रेस विधायक दल का पद भी छोड़ा आलमगीर आलम ने न केवल मंत्री पर से इस्तीफा दिया है बल्कि कांग्रेस विधायक दल का पद भी छोड़ दिया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता होने के नाते उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को भी भेज दिया है।
बता दें कि उनकी गिरफ्तारी और जेल जाने के बाद से ग्रामीण विकास विभाग का काम ठप पड़ गया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने उनका विभाग तीन दिन पहले अपने पास ले लिया था।
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मंत्रालय में बचे केवल 10 मंत्री
आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद से अब चंपाई सोरेन मंत्रीमंडल में 10 मंत्री ही बचे हैं। सरकार के अब तक कांग्रेस कोटे से चार, राजद से एक और जेएमएम से पांच मंत्री थे। जिसमें से कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम ने इस्तीफा दे दिया है। सरकार में नियमानुसार 12 मंत्री हो सकते हैं। पर अब तक 12वें मंत्री का पद किसी को नहीं दिया गया है। इस तरह से राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के दो पद रिक्त हैं।
15 मई को गिरफ्तार हुए थे मंत्री
इस मामले में 15 मई की शाम मंत्री आलमगीर आलम को ED ने गिरफ्तार किया था। इसके पहले उनसे 14 और 15 मई को कुल मिलाकर करीब 14 घंटे पूछताछ की गई थी। बाद में उन्हें ED ने कोर्ट में पेश किया। जहां ईडी ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी व मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था।
25 टेन्डर में 1.23 करोड़ लिए कमीशन
ED ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपए लिए थे।