बिहार में फिर सियासी पारा हाई हो गया है। जदयू और राजद के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। JDU नेताओं को RJD ने सलाह दी है। दरअसल, राबड़ी देवी ने 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी के सामने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग रखी थी। अब उसकी चर्चा फिर से तेज हो गई है। राजद ने जदयू पर करारा हमला बोला है।
RJD प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बुधवार को कहा कि जदयू नेताओं को जनता और प्रेस के सामने कुछ भी बोलने से पहले अपना होमवर्क ठीक से करना चाहिए। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग 2000 में बिहार के बंटवारे के समय से हीं की जा रही है।
25 अप्रैल 2000 में पहली बार विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा गया था। राबड़ी देवी ने अटल बिहारी वाजपेयी के सामने यह मांग रखी थी। यूपीए के समय बिहार को क्या मिला इस पर सवाल उठाने वाले जदयू नेता जान लें कि सीएम नीतीश की 2005 वाली सरकार की जो उपलब्धि बताई जा रही है वह वास्तविक रूप से केंद्र की यूपीए एक सरकार की उपलब्धि थी।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जदयू ने जाति जनगणना का सवाल उठाया है तो उन्हें जान लेना चाहिए कि 2000 में केंद्र में एनडीए की सरकार थी पर जनगणना नहीं कराई गई थी। जब 2010 में जनगणना हुआ तो लालू प्रसाद, मुलायम सिंह एवं शरद यादव के मांग पर यह काम हुआ। जदयू ने नौकरी देने पर भी जो बयान दिया है उसके बारे में पूरा देश जानता है कि तेजस्वी यादव द्वारा नौकरी देने के वादे पर मुख्यमंत्री जी क्या बोलते थे।