बिहार के उपमुख्यमंत्री सह भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी अब अपने सर पर बंधा मुरेठा उतारने जा रहे हैं। 21 महीने बाद वे अपने संकल्प को आधे में ही तोड़ने जा रहे हैं। दरअसल, उन्होंने सियासी संकल्प लेकर अपने सिर पर मुरेठा बांधा था। लेकिन सूबे में फिर से एनडीए की सरकार बनी तो उन्होंने अब अपना संकल्प तोड़ने का फैसला लिया। सम्राट चौधरी ने खुद बताया कि वो फैसला उन्होंने क्यों लिया था और अब अयोध्या जाकर वो अपना मुरेठा श्रीराम के चरणों में अर्पित कर देंगे। सम्राट चौधरी मुंडन कराने के बाद यह काम करेंगे।
आगामी 2 और 3 जुलाई को वे इसके लिए अयोध्या दौरे पर जाएंगे। हालांकि, नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटाने का उनका सपना अधूरा रह गया। दरअसल, सम्राट ने नीतीश को सीएम की कुर्सी से हटाने की प्रतिज्ञा ली थी। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत फैसले निरस्त हो सकते हैं।
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सितंबर 2022 में अपनी मां के निधन के बाद मुरेठा बांधा था और ऐलान किया था कि वह इसे तब खोलेंगे जब नीतीश को सीएम पद से हटा देंगे। उस वक्त नीतीश आरजेडी के साथ महागठबंधन में थे। मगर इस साल जनवरी में बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल गए। नीतीश कुमार ने भाजपा के सहयोग से बिहार में सरकार बना ली और उन्हें पद से हटाने की प्रतिज्ञा लेने वाले सम्राट खुद डिप्टी सीएम बन गए। इसके बाद से ही ये सवाल उठ रहा था कि सम्राट चौधरी कब मुरेठा खोलेंगे?
बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद भी सम्राट चौधरी ने कहा कि वे अयोध्या में सिर मुंडवाकर भगवान राम के चरणों में पगड़ी समर्पित करेंगे। सम्राट ने शुक्रवार को कहा कि जब मैंने यह बात कही थी तो वो भावुक क्षण था। लेकिन, भाजपा के पूरे प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व ने जब निर्णय लिया कि नीतीश कुमार के साथ जाएंगे तो अब मैंने निर्णय लिया है कि मैं अयोध्या जा रहा हूं। मैं अपना सिर मुंडवाऊंगा और मुरेठा प्रभु श्रीराम के चरणों में दूंगा। बिहार के विकास के लिए व्यक्तिगत कुछ नहीं हो सकता है। व्यक्तिगत निर्णय को निरस्त भी किया जा सकता है।