जदयू प्रदेश कार्यालय में जदयू कोटे के मंत्री फिर से लोगों की शिकायत सुन उसका निराकरण करेंगे। आम चुनाव की वजह से यह कार्यक्रम बंद था। जदयू ने अपने मंत्रियों के लिए जो स्लॉट तय किए हैं उसमें केवल सूचना एवं प्रसारण मंत्री महेश्वर हजारी को जगह नहीं मिली है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के निर्देश पर जारी की गई। इस सूची में महेश्वर हजारी का नाम नहीं रहना आने वाले समय के लिए संकेत है। महेश्वर हजारी का नाम आम चुनाव के समय इस वजह से सुर्खियों में आया था कि उनके पुत्र सन्नी हजारी ने समस्तीपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
उनके सामने एनडीए के प्रत्याशी के रूप में लोजपा के टिकट पर मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री शांभवी चुनाव मैदान में थीं। शांभवी की जीत भी हुई समस्तीपुर से। एनडीए प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में महेश्वर हजारी के गायब रहने का आरोप था।
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समस्तीपुर में एनडीए प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में जब वहां गए तो भी हजारी नहीं पहुंचे। उस समय से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि महेश्वर हजारी के खिलाफ जदयू कार्रवाई करेगी। वैसे आधिकारिक तौर पर इस आशय का कोई वक्तव्य नहीं आया है पर जदयू की सूची में महेश्वर हजारी का नाम नहीं रहने से पार्टी ने संकेत जरूर दे दिया है।