विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सलाहकार और केंद्रीय प्रन्यासी पद्मश्री डॉ.आरएन सिंह ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान संसद में दिए गए वक्तव्य के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की कटु आलोचना की है। साथ ही उन्होंने हिंदू समाज से आग्रह किया है कि राहुल को मठ-मंदिरों में पूजा करने की अनुमति न दें। उन्होंने कहा कि हमारी एकता को कमजोरी न समझें। इसी के साथ चेतावनी दी कि जिस दिन हिंदू सही तरीके से जाग जाएगा, उसी दिन राहुल जैसे लोगों का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
हिंदू विरोधी मानसिकता से प्रेरित होने का आरोप लगाते हुए आरएन सिंह ने कहा कि राहुल अगर समझते हैं कि संसद में बोलने के विशेषाधिकार के चलते वे कुछ भी बोल सकते हैं तो यह उनकी भ्रांति है। सनातन दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति है और जातियों में बंटे होने के बावजूद हिंदुओं का श्मशान एक ही होता है।
मुसलमान और ईसाइयों में अलग-अलग जातियों के कब्रगाह भी अलग-अलग होते हैं। हमारी एकता को कमजोरी न समझें। विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में ही संसद में राहुल ने कह दिया कि हिंदू हिंसक होते हैं और हिंदू संगठन उन्हें हिंसा के लिए प्रेरित करते हैं। संभव है कि उनके मन में राम-कृष्ण की छवि हो, जिन्होंने क्रमश: रावण-कंश का वध किया। कई और भी पौराणिक कहानियां हैं। बहरहाल राहुल ने संसद की गरिमा को तार-तार करते हुए सार्वजनिक रूप से हिंदुओं को गाली दी है।
अगर साहस है तो वे किसी और समुदाय के बारे में एक भी शब्द बोलकर दिखाएं। राहुल निर्वाचन के समय हिंदू बनने का अभिनय करते हैं। वे जानते हैं कि सहिष्णु हिंदू समाज अतिशय अपमान का सहन कर भी अपना मुंह नहीं खोलता। प्रेस-वार्ता में विहिप के प्रांत सह मंत्री संतोष सिसोदिया और प्रांत संगठन मंत्री चितरंजन कुमार भी उपस्थित थे।