Ranchi | सुबह की ताजगी और मोरहाबादी की हरियाली के बीच जब झारखंड के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा मंगलवार को कल्याण कॉम्प्लेक्स पहुँचे, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह आम दफ्तर का दिन नहीं, बल्कि झारखंड में बदलाव की नींव रखने वाला दिन बनने वाला है। स्वागत की हल्की गूंज, दीवारों पर आदिवासी चित्रकला, और अधिकारियों की सतर्क निगाहें—सबका केंद्र सिर्फ एक सवाल: आज क्या खास होने वाला है?
बैठक शुरू हुई—परंपरागत नहीं, बल्कि संवाद और उम्मीदों के मंजर के रूप में। मंत्री लिंडा की गंभीर मगर सकारात्मक आवाज़ गूंज उठी:
“हमारे फैसले केवल सूची नहीं, बल्कि बदलाव के वादे हैं। अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुँचे, यह ही हमारी प्राथमिकता है।”
महत्वपूर्ण फैसले—हर वर्ग की चिंता, हर दिल की उम्मीद:
– मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना (CMEGP) में युवाओं के लिए लोन प्रक्रिया आसान करने और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच बनाने पर जोर दिया गया।
– धार्मिक पर्यटन—सिरसी-ता-नाले महोत्सव को अब धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा, जिससे न केवल संस्कृति को संबल मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी उड़ान मिलेगी।
– आदिवासी इलाके—कोल्ड स्टोरेज, नर्सिंग होम, प्रोसेसिंग प्लांट जैसे प्रोजेक्ट्स से स्थानीय रोजगार और सुविधाएं बढ़ाने की योजना पर चर्चा हुई।
– OBC छात्रवृत्ति—275 करोड़ की लंबित राशि शीघ्र जारी कराने हेतु केंद्र से पहल के निर्देश दिए गए।
– धूमकुड़िया भवन—संस्कृति की थाती, इसके निर्माण और संचालन के लिए विशेष बजट की माँग तेज़ की गई।
– तकनीकी शिक्षा—आईटीआई प्रशिक्षण में नवाचार के प्रस्ताव लाने और युवाओं को टैलेंट आधारित रोज़गार से जोड़ने पर चर्चा।
– प्रमाणपत्र एवं छात्रावास पोषण योजना—प्रक्रिया सुगम और तेज़ करने, तथा सभी छात्रावासों में बेहतर भोजन की निगरानी अब कड़ी होगी।
– हिंदपीढ़ी कोचिंग सेंटर—आदिवासी युवाओं के लिए मुफ्त मेडिकल-इंजीनियरिंग कोचिंग की दिशा में Physics Wallah के साथ साझेदारी की तैयारी।
– विदेश छात्रवृत्ति व विश्व आदिवासी दिवस—लाभार्थियों की संख्या, चयन की पारदर्शिता और 9 अगस्त के महोत्सव की भव्य तैयारी की रूपरेखा बनी।
मंत्री लिंडा ने अधिकारियों को एक संदेश दिया—“हमारे कार्यक्रम गाँव-गाँव तक असर दिखाएँ, यही असली कामयाबी है। हर छात्रवृत्ति, हर विकास परियोजना, हर बदलाव का प्रमाण जमीनी हकीकत में दिखना चाहिए—व्यर्थ प्रक्रिया नहीं, असरकारी निर्णय चाहिए। झारखंड का हर युवा, किसान, विद्यार्थी हमारी प्राथमिकता है। सरकार हरसंभव साथ है।”
आज की बैठक न केवल एक सरकारी औपचारिकता थी, बल्कि उम्मीदों की नई सुबह—जहाँ हर योजना, हर पहल सीधे लोगों की ज़िन्दगी बदलने के लिए थी। कल्याण विभाग का यह संकल्प है—सरकारी योजनाओं की इबारत सिर्फ कागज नहीं, बल्कि जनता के चेहरों पर मुस्कान बनकर उभरेगी।