नीट पेपर लीक मामले में बिहार में कार्रवाई जारी है। पथ निर्माण विभाग ने 3 कर्मियों पर कार्रवाई की है। विभागीय मंत्री ने दो इंजीनियर और एक क्लर्क को सस्पेंड किया है। अधीक्षण अभियंता उमेश राय, सहायक अभियंता धर्मेन्द्र कुमार धर्मकांत और कार्यालय कर्मी प्रदीप को सस्पेंड किया गया है। बता दें कि तीनों कर्मियों पर यह आरोप है कि इन तीनों ने तथ्य को छुपाया है। साथ ही गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाकर विभाग को अंधेरे में रखा। यह कार्रवाई उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा के आदेश पर की गई है।
पथ निर्माण विभाग के तीन कर्मियों के सस्पेंड के साथ बिहार में यह चौथी कार्रवाई मानी जा रही है। पथ निर्माण विभाग के इस कार्रवाई के पहले, जल संसाधन विभाग में इंजीनियर को सस्पेंड किया गया था। जल संसाधन विभाग ने जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यदुवंशी को 4 जून को सस्पेंड किया था। नगर और आवास विभाग के रिकमेंडेशन पर जल संसाधन विभाग ने नई कार्रवाई की थी।
नीट पेपर लीक मामले में सरकारी गेस्ट हाउस में कुछ आरोपियों को रुकवाने की बात सामने आई थी। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा दावा किया था।उन्होंने कहा था कि गेस्ट हाउस के कर्मचारी को तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार ने कॉल किया था। इसके बाद वहां कमरा बुक किया गया था। इस मामले में लगातार राजनीतिक बयानबाजी जारी है।