बिहार में शिक्षा की हालत किसी से छुपी नहीं है। यहां के कई सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता है। कुछ जगहों पर तो टीचर्स और प्रिंसिपल की लापरवाही के कारण भी बच्चों के भविष्य से खेला जाता है। कुछ सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की जगह उनसे काम करवाए जाते हैं। वहीं, अब बिहार के मोतिहारी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे।
मोतिहारी के एक सरकारी स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक जेल में बंद होने के बाद भी सलाखों के पीछे से ही स्कूल का काम धाम देख रहे हैं। विनोद राम पर एक लड़के को बुरी तरह से पीटने का आरोप है। लड़का इस वक्त कोमा में है, लेकिन फिर भी पूर्वी चंपारण के शिक्षा विभाग की इतनी महरबानी है की प्रधानाध्यापक साहब जेल से ही सब काम कर रहे हैं। ये मामला कोटवा प्रखंड के पोखरा पंचायत के टलवा गांव का है।
इस गांव में एक स्कूल का प्रभारी प्रिंसिपल लगभग 1 महीने से जेल में बंद है और जेल से ही स्कूल में अपना शासन चला रहा है। स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद राम कितना पढ़े हैं यह तो विभागीय जांच के बाद ही पता चलेगा, क्योंकि आज भी उनके स्कूल की दीवारों पर स्पष्ट तौर पर बिहार के शिक्षा मंत्री का नाम डॉक्टर चंद्रशेखर कुमार ही लिखा है, लेकिन उसके बावजूद स्कूल में उनका शासन चल रहा है।
कोटवा प्रखंड के टलवा विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद राम को स्कूल का प्रधानाध्यापक का प्रभार मिला हुआ है, यानी वह नियमित प्रधानाध्यापक होने के बजाय प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। वह एक पंचायत शिक्षक हैं। कुछ दिनों पहले प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद राम के परिवार के एक लड़के के साथ बगल के ही पड़ोसी के यहां शादी समारोह में कुछ बहस हो गई थी। इसके बाद वह लड़का विनोद राम के घर के सामने से गुजर रहा था, तभी विनोद राम और उसके परिजनों ने मिलकर उस लड़के को इतनी बेरहमी से मारा कि वह लड़का कोमा में चला गया।
लड़के के परिजनों ने विनोद राम के खिलाफ कोटवा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिए जाने के बाद से ही विनोद राम पर पूर्वी चंपारण के शिक्षा विभाग की इतनी महरबानी है की कोई विभागीय कार्रवाई की बात तो छोड़िए उनसे प्रभार में मिले प्रधानाध्यापक का पद भी वापस नहीं लिया गया। विनोद राम आज भी जेल से ही स्कूल का कार्यभार संभाल रहे हैं।