एक जुलाई 2024 से नए कानून की धाराओं के अनुसार अब केस दर्ज होना शुरू हो गया है। बिहार में पुलिस पदाधिकारी और पुलिस के अनुसंधानकर्ता को ‘बिहार पुलिस अकादमी राजगीर’ में प्रशिक्षण भी दिया गया है। अब बिहार में भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत पहली प्राथमिकी गया जिले के रेल थाने में सोमवार 1 जुलाई को दर्ज की गई।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 313 (लुटेरों व डकैतों के गिरोह से संबंध) और 317 (5) (चोरी की चीजों को छुपाने में मदद) के तहत दो व्यक्तियों के खिलाफ गया जिले के रेल थाने में मामला दर्ज किया गया है। सोमवार सुबह 11.15 बजे दर्ज किए गए इस मामले में पुलिस ने राजेश पासवान और मोहित कुमार नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 सोमवार से पूरे देश में प्रभावी हो गए हैं। इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: IPC, CRPC और IEA की जगह ली है।
पटना स्थित पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए अपर महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) संजय सिंह ने कहा, “बिहार में राज्य भर में नई प्रणाली के सफल कार्यान्वयन और निर्बाध परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारी की गई थी। राज्य पुलिस प्रदेश में नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण और जागरूकता सृजन के मामले में पूरी तरह तैयार है।”
उन्होंने आगे कहा, “राज्य में नए कानून के तहत प्राथमिकी गया रेल थाने में दर्ज की गई है। नए आपराधिक कानून लागू होने पर आज राज्य के सभी 1300 थानों में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संबंधित थानाध्यक्षों की ओर से स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों नए आपराधिक कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी दी गई।”